Eksandeshlive Desk
नई दिल्ली : सोमवार को राज्यसभा में संविधान की 75 साल की यात्रा पर बहस की शुरुआत करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संविधान में कई संशोधनों के लिए कांग्रेस पार्टी पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने कभी भी अपनी आलोचना को बर्दाश्त नहीं किया। इमरजेंसी के दौरान गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी और अभिनेता बलराज साहनी की गिरफ्तारी का हवाला देते हुए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मुद्दे पर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर निशाना साधा।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के लिए पहला संविधान संशोधन 1951 में नेहरू लाये थे। अपनी बात को पुष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि मजरूह सुल्तानपुरी और बलराज साहनी को 1949 में जेल डाला गया था। 1949 में मिल मजदूरों की एक बैठक के दौरान मजरूह सुल्तानपुरी ने जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ लिखी एक कविता सुनाई। उन्होंने इसके लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया और उन्हें जेल भेज दिया गया। सीतारमण ने यह भी कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमित करने का कांग्रेस का रिकॉर्ड सिर्फ इन दो लोगों तक ही सीमित नहीं है। 1975 में माइकल एडवर्ड्स द्वारा लिखी गई राजनीतिक जीवनी ‘नेहरू’ पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। उन्होंने ‘किस्सा कुर्सी का’ नामक फिल्म पर भी प्रतिबंध लगा दिया, क्योंकि इसमें प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके बेटे पर सवाल उठाए गए थे। सीतारमण ने कहा कि नेहरू के उत्तराधिकारी इंदिरा गांधी और राजीव गांधी “परिवार और वंशवाद की मदद” के लिए संविधान में संशोधन करते रहे। उन्होंने कहा कि ये संशोधन लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए नहीं बल्कि सत्ता में बैठे लोगों की रक्षा के लिए थे, इस प्रक्रिया का इस्तेमाल परिवार को मजबूत करने के लिए किया गया।
सीतारमण ने कांग्रेस को महिला विरोधी बताया और राजीव गांधी के शासनकाल में शाह बानो मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि शाहबानो मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस ने मुस्लिम महिलाओं के तलाक पर अधिकार संरक्षण अधिनियम 1986 पारित किया, जिसने मुस्लिम महिलाओं को गुजारा भत्ता पाने के उनके अधिकार से वंचित कर दिया। दूसरी ओर हमारी पार्टी ने नारी शक्ति अधिनियम (महिला आरक्षण विधेयक) पारित किया। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी के पास लोकसभा में 426 सदस्य थे, राज्यसभा में 159 सदस्य थे लेकिन महिला आरक्षण विधेयक पारित करने का दृढ़ विश्वास नहीं था। वो महिला विरोधी थे।
सीतारमण ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के लिए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने लालू यादव की बेटी मीसा भारती का हवाला देते हुए कहा कि मैं ऐसे राजनीतिक नेताओं को जानती हूं, जिन्होंने उन काले दिनों को याद करने के लिए अपने बच्चों का नाम मीसा के नाम पर रखने का फैसला किया है और अब उन्हें उनके साथ गठबंधन करने में भी कोई आपत्ति नहीं होगी। उन्होंने आगे कहा कि असफल आर्थिक मॉडल ने कांग्रेस को 1990 के बाद अपना रास्ता बदलने और एक अलग आर्थिक मॉडल अपनाने के लिए प्रेरित किया।