कांग्रेसियों ने किया विरोध प्रदर्शन, पुतला दहन रवनीत सिंह बिट्टू एवं संजय गायकवाड़ की

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by sunil
रांची : केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू एवं महाराष्ट्र के विधायक संजय गायकवाड़ द्वारा नेता विपक्ष राहुल गांधी पर की गई अमर्यादित टिप्पणी एवं बयानों के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश के नेतृत्व में आक्रोषपूर्ण प्रदर्शन एवं पुतला दहन परमवीर अल्बर्ट एक्का की प्रतिमा स्थल के समीप किया गया। इससे पूर्व कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकतार्ओं द्वारा कांग्रेस भवन से रोषपूर्ण मार्च तक निकाला गया। पुतला दहन के पश्चात उपस्थित नेताओं कार्यकतार्ओं को संबोधित करते हुए कमलेश ने कहा कि झारखंड की जनता जानना चाहती है कि क्या राहुल गांधी के विरुद्ध यह नफरती अभियान गृह मंत्री अमित शाह एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इशारे पर हो रहा है। कांग्रेस छोड़ भाजपा में रवनीत बिट्टू अपने आकाओं को खुश करने के लिए देश के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के लिए ऐसी भाषा का उपयोग कर रहे हैं जिसने राजनीति के सभी मयार्दाओं को तार-तार कर दिया है। उधर महाराष्ट्र के सत्ताधारी दल शिवसेना (शिंदे) के विधायक संजय गायकवाड़ ने राहुल गांधी पर तथ्यहीन आरोप लगाते हुए हिंसात्मक टिप्पणी की है। आखिर राहुल गांधी के प्रति भाजपा नेताओं में इतनी नफरत क्यों है,इसलिए कि देश में राहुल गांधी की बढ़ती लोकप्रियता से वे घबरा रहे हैं,दरअसल राहुल गांधी के खिलाफ ऐसे हिंसात्मक बयान बाजी करने वाले असली आतंकी हैं। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में थोड़ी भी नैतिकता बची है तो देश के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के लिए ऐसी बयान बाजी करने वाले नेताओं को तुरंत जेल में डालना चाहिए उन्होंने कहा कि भाजपा नेता रवनीत बिट्टू एवं शिवसेना (शिंदे) विधायक संजय गायकवाड़ को नफरती एवं हिंसात्मक बयान बाजी करने के लिए तुरंत गिरफ्तार करें। कांग्रेस विधायक दल नेता डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि देश की एकता और अखंडता के लिए जिसके परिवार के सदस्यों ने अपना बलिदान दिया है ऐसे व्यक्ति के खिलाफ अमर्यादित और बिगड़े बोल कुंठित मानसिकता से ग्रसित व्यक्ति ही दे सकते हैं। राहुल गांधी की लोकप्रियता से भाजपा नेतृत्व इस कदर कुंठा का शिकार हो गया है कि राहुल गांधी को आतंकवादी बोलने और जीभ काट कर लाने वालों को पूरा प्रश्रय दे रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के इशारे पर राहुल गांधी की नकारात्मक छवि पेश करने की कोशिश की जा रही है। राजनीतिक शुचिता को तार-तार करने वाले ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। तानाशाही इस देश में चरम पर है और जनता के हक की आवाज उठाना गुनाह है। केंद्रीय मंत्री के पद पर बैठे मंत्रियों के बिगड़े बोल से स्पष्ट है कि मोदी जी का अपने मंत्रियों पर कोई नियंत्रण नहीं है।