Eksandeshlive Desk
मुंबई : महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को सोमवार को डॉक्टरों ने आराम करने की सलाह दी है। इसलिए एकनाथ शिंदे के सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं। शिंदे का सोमवार को दिल्ली दौरा भी रद्द कर दिया गया है। कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तीन दिन पहले सातारा स्थित अपने मूल गांव दरे गांव में गए थे। उसी समय उनकी तबीयत बिगड़ गई थी, जिससे सातारा में उनका इलाज किया गया था। इसके बाद एकनाथ शिंदे रविवार शाम को मुंबई लौटे थे और सोमवार को कई कार्यक्रमों में शामिल होने वाले थे, लेकिन सुबह अधिक थकान महसूस होने पर शिंदे की फिर से मेडिकल जांच की गई। इसके बाद डॉक्टरों ने शिंदे को घर पर आराम करने की सलाह दी है। इसके चलते शिंदे के सभी नियोजित कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं। जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र के भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस, कार्यवाहक मुख्यमंत्री और राकांपा एपी के अध्यक्ष अजीत पवार सोमवार शाम को भावी मंत्री समूह पर चर्चा करने के लिए दिल्ली जाने वाले थे, लेकिन अब इस चर्चा के लिए देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार ही दिल्ली जाएंगे और भावी मंत्री समूह के बारे में चर्चा करने वाले हैं।
महाराष्ट्र में भाजपा नवनिर्वाचित विधायक दल की बैठक बुधवार को
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक बुधवार को मुंबई में बुलाई गई है। इस बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपानी उपस्थित रहेंगे। इसी बैठक में विधायक दल के नेता का चुनाव किया जाएगा, जिसे 5 दिसंबर को आजाद मैदान में शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने सोमवार को दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान पर शपथग्रहण कार्यक्रम की तैयारी का निरीक्षण किया। इस मौके पर बावनकुले ने पत्रकारों को बताया कि 5 दिसंबर को भाजपा के मुख्यमंत्री का इसी जगह शपथ ग्रहण समारोह होने वाला है। बावनकुले ने बताया कि इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई अतिविशिष्ठ नेताओं को आमंत्रित किया जा रहा है। बावनकुले ने कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा नीत एनडीए गठबंधन में कोई भी नाराजगी नहीं है। एनडीए गठबंधन के सभी नेताओं में जबर्दस्त उत्साह है। बावनकुले ने कहा कि हाल में हुए विधानसभा चुनावों में राज्य की जनता ने भाजपा सहित एनडीए गठबंधन के सहयोगी दलों को भारी बहुमत दिया है। इसी वजह से भाजपा का प्रयास है कि शपथ ग्रहण कार्यक्रम में अधिक से अधिक लोग शामिल हो सकें।