कौशल विकास के क्षेत्र में मास्टर्स ट्रेनर्स की क्या भूमिका

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राँची: झारखण्ड कौशल विकास मिशन सोसाईटी की ओर से आयोजित दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षक क्षमतावर्धन कार्यशाला कांके स्थित विश्वा प्रशिक्षण केन्द्र में मंगलवार को समापन हुआ। मास्टर्स ट्रेनर्स के लिए आयोजित दो दिवसीय आवासीय क्षमतावर्धन कार्यशाला का उद्देश्य मुख्यमंत्री सारथी यंोजना अन्तर्गत संचालित कौशल प्रशिक्षण केन्द्रों के प्रशिक्षकों का कार्यशाला के माध्यम से क्षमतावर्धन करना था, जिससे कि प्रशिक्षणोपरांत युवाओं को टिकाउ रोजगार से जोड़ा जा सके।
दो दिवसीय कार्यशाला का प्रथम सत्र प्रतिभागियों के परिचय एवं झारखण्ड कौशल विकास मिशन सोसाईटी तथा मुख्यमंत्री सारथी योजना के बारे में संक्षिप्त उन्मुखीकरण के साथ शुरू हुआ। कार्यशाला के दौरान दो दिनों की अवधि में गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण सुनिश्चित करने एवं प्रशिक्षण परिणाम प्राप्त करने में प्रशिक्षक की भूमिका एवं जिम्मेदारियांह्य, प्रभावी संचार कौशल, प्लानिंग एंड बिजनेस, वित्तीय समावेश, रोजगार एवं स्व रोजगार, ई-कामर्स, व्यवसायिक योजना निर्माण, कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट जैसे विषयों से प्रशिक्षकों को परिचित कराया गया। साथ ही समूह कार्य के माध्यम से प्रतिभागियों को सत्र से मिली सीख को प्रदर्शित करने एवं चुनौतियों से निपटने की रणनीतियों पर विमर्श का अवसर दिया गया। राज्य के युवाओं को रोजगार परक कौशल प्रशिक्षण देते हुए रोजगार से जोड़ने के सरकार के संकल्पों को पूरा करने के लिए विभाग प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में सचिव, श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग, झारखण्ड सरकार मुकेश कुमार के सुझाव एवं मार्गदर्शन के साथ संपन्न कार्यशाला के दूसरे दिन मिशन निदेशक झारखण्ड कौशल विकास मिशन सोसाईटी शैलेन्द्र कुमार लाल एवं विशेष सचिव-सह-निदेशक विश्वा, पेय जल एवं स्वच्छता विभाग राजीव रंजन कुमार सत्र के दौरान उपस्थित थे। मिशन निदेशक, झारखण्ड कौशल विकास मिशन सोसाईटी ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि कौशल विकास के क्षेत्र में मास्टर्स ट्रेनर्स की अहम भूमिका होती है। प्रशिक्षकों का नेटवर्क तैयार करने का उत्तरदायित्व मास्टर्स ट्रेनर्स का होता है, वे प्रशिक्षक जो प्रतिभावान युवाओं को कौशल कार्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षण देकर कुशल कार्यबल के रूप में तैयार करते हैं।