इस कबाड़ की दुकान में आखिर प्रशासन करवाई करने से पीछे क्यों, बहुत बड़ी सवाल?
कुलदीप कुमार दास
टंडवा(चतरा): शहीद चौक स्थित कबाड़ दुकान से प्रतिदिन दो से चार ट्रक लोहे से संबंधित स्क्रैप बिहार एव यूपी भेजा जाता रहा है। टंडवा के अम्बेदकर चौक, शहीद चौक, गाडीलौंग, झंडा चौक वाशियो ने प्रश्न उठाया की इतना ट्रक लोहे से भरा दिन भर में कहा से लोहा का भंडारण आ जाता हैं। ग्रामीणों ने यह भी बताया की दिन भर में साईकिल एव टेम्पो से खरीदी गयी लोहे की स्क्रैप जमा भी किया जाये तो एक ट्रक लोहा जमा होना सम्भव नही है। फिर इतना लोहा का भण्डारण कहा से आता है? जो एक बानगी दो से तीन ट्रक सेल पर ट्रक टंडवा से बाहर निकलना कई प्रश्नो से उलझाती है। जानकारों की माने तो स्क्रैप संचालक बाहर से आकर अपनी दुकान धड़ल्ले से चला रहे है। संचालक की माने तो उनका मानना है की आप किसी भी जाँच एजेंसी से जाँच करवा लो हमारी द्वारा कोई अवैध लोहा न खरीदी जाती है।न बेचीं जाती है। वही ग्रामीणों के अनुसार उल्लेख करें तो जब इनका व्यवसाय 24 करैट सोने जैसा नेट एन्ड क्लीन धंधा है। तो इनकी आज से 10 वर्ष पहले की सेल एव आज की सेल को तुलना किया जाये और इनकी कबाड़ का एरिया में सीसीटीवी लगना चाहिए। इनकी कबाड़ घर की दिवारी माप दंड से उच्ची लम्बी गेट किस बात का प्रमाण है। निश्चित रूप से एनटीपीसी एव सीसीएल की परियोजना आने के बाद अवैध लोहे का भंडारण एव आस पास के मोटर साईकिल चोर गिरोहों द्वारा चोरी कर खपाने की खेला जारी रहा करता था। तथा इस तरह की तंत्र का खुलाशा सुर्ख़ियों में नही आना अपने में अनेक बड़ी प्रश्न खड़ा करती है। लोगों की मानी है तो कबाड़ दुकान का संचालक अपने आप को मंत्रियों से ऊंची पैरवी रख प्रशासन को ठेंगा दिखाकर कबाड़ की दुकान को निर्भीक होकर संचालित करता है। आजसू के केंदीय सदस्य नंदा थापा ने अपने बयान में बताया की लोहे को परोक्ष रूप यदि क्रय-विक्रय हो रही है तो अच्छी बात है। पर यदि अवैध रूप से सरकारी एव गैर सरकारी लोहे को एक्सपोर्ट किया जाता है यह सरकार के लिए करोड़ो का नुकसान हो रहा है। इसलिये प्रवाधान के अनुसार सरकारी एव गैर सरकारी एजेंसी किसी निजी दुकान में नही बेच सकते कारण है उसकी ऑक्शन होती है। उस ऑक्शन के अंतर्गत उसका मूल्य चुकाया जाता है।