Eksandeshlive Desk
चंडीगढ़/नई दिल्ली : केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब में आई बाढ़ का मुख्य कारण अवैध खनन और सीमावर्ती क्षेत्रों में जलभराव के लिए खनन माफिया को जिम्मेदार बताया है। इससे पहले सेना भी अपनी रिपोर्ट में अवैध खनन को बाढ़ का कारण बता चुकी है। साथ ही सेना ने कहा था कि सीमावर्ती क्षेत्रों में खनन के कारण भारत-पाक सीमा खतरे में है। यह मामला पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय में भी पहुंच चुका है। पंजाब दौरे से लौटने के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री ने शुक्रवार को सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर लिखा कि पंजाब में बाढ़ की परिस्थितियां चिंताजनक हैं। पंजाब में जलप्रलय की स्थिति है। फसलें तबाह और बर्बाद हो गई हैं। संकट की इस घड़ी में केंद्र सरकार पंजाब की जनता और किसानों के साथ खड़ी है। अब बाढ़ग्रस्त इलाकों के पुनर्निमाण के लिए हमें योजनाबद्ध तरीके से काम करने की जरूरत है। पंजाब को इस संकट से बाहर निकालने के लिए अल्पकालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजनाएं बनानी होंगी। वह प्रधानमंत्री मोदी को पंजाब के नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट सौंपेंगे। चौहान ने कहा कि संकट बड़ा है, लेकिन इस संकट से निकलने के लिए केंद्र सरकार कोई भी कसर नहीं छोड़ेगी। साथ ही राज्य सरकार को भी पूरी गंभीरता के साथ जमीनी स्तर पर काम करना होगा। जब पानी उतरेगा तो बीमारी फैलने का खतरा सामने होगा। मरे हुए पशुओं का सुरक्षित तरीके से निस्तारण करना होगा, जिससे बीमारी न फैले। खेतों में सिल्ट जमा हो गई है, उसे हटाने की योजना बनानी होगी, ताकि अगली फसल पर संकट न रहे। चौहान ने कहा कि पंजाब की फसलों को बाढ़ से बचाने के लिए सतलुज, ब्यास, रावी और घग्गर नदियों के किनारों पर बांध मजबूत और ऊंचे किए गए थे, लेकिन अवैध खनन के कारण वे कमजोर हो गए और गांवों में पानी आ गया। अब उन संरचनाओं को मजबूत करना जरूरी है, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी से पंजाब को बचाया जा सके।
दिल्ली की मुख्यमंत्री ने यमुना के जलस्तर को लेकर सभी जिलाधिकारियों के साथ की बैठक : खतरे के निशान के ऊपर बह रही यमुना के जलस्तर को लेकर शुक्रवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली के सभी जिलाधिकारियों के साथ ऑनलाइन बैठक कर यमुना के जलस्तर और भारी बारिश की स्थिति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि 24×7 मॉनिटरिंग जारी रहे, राहत कार्य में कोई ढिलाई न हो और हर दिल्लीवासी की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता हो। उन्होंने कहा कि सरकार की पूरी टीम सतर्क है और हर परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। दिल्ली में खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर बह रही यमुना का जलस्तर शुक्रवार को मामूली नीचे आया जाे दोपहर एक बजे 207.22 मीटर दर्ज किया गया है। यमुना में खतरे का निशान 205.33 है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार गुरुवार से यमुना के जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है। शुक्रवार दोपहर एक बजे जलस्तर 207.22 मीटर पर दर्ज किया गया है। इस दौरान हरियाणा के हथिनी कुंड बांध से 88462 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। हालांकि यमुना से सटे इलाके पूरी तरह से जलमग्न दिखाई दे रहे हैं। जल भराव के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यमुना किनारे बसे लोग अपने पशुओं को लेकर सड़कों पर बस गए हैं, जिसके कारण कई इलाकों में जाम की स्थिति बनी हुई है। दिल्ली में हो रही बारिश ने लोगों की मुश्किलें और बना रखी हैं। प्रशासन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहा है। हरियाणा के हथिनी कुंड बांध से लगातार पानी छोड़े जाने से उफान पर आई यमुना और पिछले कई दिनों से हो रही बारिश से राजधानी के कई हिस्सों में जलभराव बना हुआ है। सिविल लाइंन के बेला रोड स्थित स्वामी नारायण मंदिर परिसर में पानी भर गया है। आईएसबीटी कश्मीरी गेट के आसपास बुधवार से जल भराव की स्थिति बनी हुई है, जिसकी वजह से यातायात काफी धीमा है। राष्ट्रीय राजधानी में बाढ़ की चेतावनी कई दिनों पहले से जारी है। दिल्ली का निगमबोध घाट और वासुदेव घाट डूबा पड़ा है।
