Eksandeshlive Desk
रांची : सिद्धो-कान्हो कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ के सौजन्य से लापुंग प्रखंड अंतर्गत मालगो लैंप्स के रायटोली में एक दिवसीय क्षेत्रीय लाह खेती प्रशिक्षण सह टूल किट्स वितरण कार्यक्रम का रविवार को आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में राज्य की कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की विशेष रूप से शामिल हुई। सिद्धको फेड के की ओर से इस मौके पर 191 किसानों को लाह उत्पादन का प्रशिक्षण के साथ-साथ टूल किट्स दिया गया। इसमें पांच किलो लाह का बीज, कटाई के उपकरण, सुरक्षा उपकरण मुख्य रूप से शामिल है। मौके पर कृषि मंत्री ने कहा कि मौजूदा दौर में राज्य के किसान अपने खेत से ही नहीं पेड़ के सहारे भी आर्थिक रूप से समृद्ध हो सकते है। लाह की खेती इस दिशा में सफल प्रयोग साबित होगा । झारखंड देश का सबसे ज्यादा लाह उत्पादन करने वाला राज्य है। लाह की कमाई से बच्चों की पढ़ाई और परिवार को गरीबी के दंगल से निकाला जा सकता है। खूंटी और लातेहार का भौगोलिक स्थिति लापुंग से मिलती जुलती है।
मंत्री ने कहा कि सिद्धको फेड गठन का उद्देश्य वनोपज को बढ़ावा देने के साथ-साथ उसके उचित मूल्य के लिए बाजार उपलब्ध कराना है। इस दिशा में सिद्दको फेड लगातार काम कर रहा है। लाह की मांग समय के साथ देश ही नहीं विदेश तक बढ़ी है। राज्य के किसान संगठित हो कर बेहतर प्रशिक्षण के साथ नई तकनीक के सहारे बेहतर गुणवत्तापूर्ण लाह का उत्पादन कर सकते है। एक पेड़ से 25 किलो तक लाह का उत्पादन किया जा सकता है। लाह के उत्पादन से जुड़ कर रोजगार के लिए गांव से होने वाले पलायन को भी रोका जा सकता है। इस मौके पर सिद्धको फेड के सचिव राकेश कुमार सिंह ने कहा कि विभाग प्रशिक्षण और प्रसंस्करण के क्षेत्र में काम कर रहा है। लाह को कृषि का दर्जा मिलने के साथ ही इसके उत्पादन में बढ़ोत्तरी की उम्मीद और बढ़ गई है। सिद्दको फेड ने राज्य के 10 हजार किसानों को लाह की खेती का प्रशिक्षण देने का लक्ष्य निर्धारित किया है। लाह के उत्पादन में मेहनत कम और मुनाफा ज्यादा का राज छुपा है। लाह का इस्तेमाल दवा बनाने से लेकर कॉस्मेटिक प्रोडक्ट में किया जा रहा है। इस अवसर पर कई लोग मौजूद थे।