किसी भी उच्च शिक्षण संस्थान के लिए विद्यार्थियों के मुद्दे प्रथम प्राथमिकता: कृषि मंत्री

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by sunil

रांची: कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने शुक्रवार को बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में बिरसा हरियाली रेडियो स्टेशन का उद्घाटन किया। यहां से प्रतिदिन 3 घंटे पूर्वाहन 11 से 2 बजे तक किसानों, महिलाओं, बच्चों, स्वास्थ्य, मौसम विज्ञान, स्थानीय संस्कृति, सरकारी योजनाओं आदि से संबंधित कार्यक्रमों का प्रसारण होगा। पचास प्रतिशत कार्यक्रम हिन्दी में होंगे तथा 50% कार्यक्रमों का प्रसारण स्थानीय भाषा नागपुरी में किया जाएगा। इस रेडियो स्टेशन का कार्यक्रम 107.8 मेगाहर्ट्ज एफएम पर पहाड़ी-पठारी क्षेत्रों में 10 किलोमीटर के रेडियस में तथा मैदानी क्षेत्रों में 20 किलोमीटर के रेडियस में सुना जा सकेगा। यह स्टेशन 50 वॉट एफएम ट्रांसमीटर से युक्त है। सामुदायिक रेडियो से केंद्र या राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित कार्यक्रमों को छोड़कर अन्य प्रायोजित कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं है। प्रसारण हेतु कंटेंट और सामग्री तैयार करने के लिए विभिन्न संकायों में वैज्ञानिकों की समिति गठित की गई है। कार्यक्रम तैयार करने और प्रस्तुति में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं का भी सहयोग लिया जा रहा है। देश का पहला सामुदायिक रेडियो स्टेशन वर्ष 2004 में अन्ना विश्वविद्यालय, चेन्नई में स्थापित किया गया था और 500वें सामुदायिक रेडियो स्टेशन का उद्घाटन जुलाई 2024 में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारतीय जनसंचार संस्थान, आइजोल (मिजोरम) में किया था। सामुदायिक रेडियो को समाचार प्रसारण की अनुमति नहीं होती है। मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि इस रेडियो के माध्यम से आसपास के किसानों और ग्रामीणों के साथ संवाद स्थापित होगा तथा नई तकनीक और सूचनाओं के माध्यम से उनका सशक्तिकरण होगा। उन्होंने कहा कि किसी भी उच्च शिक्षण संस्थान के लिए विद्यार्थी प्रथम प्राथमिकता होने चाहिए और उन्हें स्तरीय शिक्षा, बेहतर माहौल एवं सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए। छात्र कल्याण से संबंधित कोई मामला लंबित नहीं रहना चाहिए। क्षेत्र के लिए उपयोगी शोध परिणामों के माध्यम से किसानों का सामाजिक आर्थिक उन्नयन होना चाहिए तथा महिला किसानों के सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने शिक्षकों-कर्मियों की प्रोन्नति तथा खाली पदों पर नियुक्ति के लिए शीघ्र आवश्यक प्रयास करने का भी आश्वासन दिया। कृषि मंत्री ने वैज्ञानिकों से झारखंड को खाद्यान्न, मांस, अंडा, मछली और दूध के मामले में आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रभावी रणनीति पर काम करने का निर्देश दिया। उन्होंने बोर्ड रूम में बीएयू के कुलपति और वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठक कर विश्वविद्यालय के कामकाज की समीक्षा भी की। मंत्री वेटनरी कॉलेज भी गईं तथा वहां के विद्यार्थियों से संवाद किया। बीएयू के कुलपति डॉ एससी दुबे ने कहा कि इस वर्ष विश्वविद्यालय छात्रावासों के नवीकरण, वहां सुविधाओं की वृद्धि, पुस्तकालय, छात्र-छात्राओं द्वारा किए जाने वाले स्नातकोत्तर अनुसंधान तथा एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज संबंधी सुविधाओं पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में शिक्षकों के 80%, शिक्षकेतर कर्मियों के 50%, केवीके कर्मियों के 70% तथा विश्वविद्यालय अधिकारियों के शत प्रतिशत पद रिक्त पड़े हैं, जबकि नई शिक्षा नीति में प्रत्येक वर्ष विद्यार्थियों का इंटेक बढ़ाने पर जोर है।