कम्युनिस्ट विचारधारा और पश्चिमी पूंजीवादी व्यवस्था नेपाल के लिए अच्छी नहीं : राजेंद्र महतो

INTERNATIONAL

Ashutosh Jha

काठमांडू : नेशनल लिबरेशन पार्टी की केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक सोमवार को राजधानी में शुरू हो गयी है। पिछले अक्टूबर में पार्टी के गठन के बाद यह पहली बैठक है। बैठक में उक्त पार्टी के अध्यक्ष राजेंद्र महतो ने राजनीतिक एवं सांगठनिक रिपोर्ट चर्चा हेतु प्रस्तुत की। इस रिपोर्ट पर अगले दो दिनों की बैठक में चर्चा होगी। बैठक में रिपोर्ट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि शाह वंश, शाही शासन, लोकतंत्र से लेकर गणतंत्र तक के शासनों ने एकल जातीय आत्म-महिमामंडन की शक्ति जारी रखी, इसलिए उन्हें राष्ट्रीय मुक्ति क्रांति के रास्ते पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। नेपाल में विभिन्न आंदोलनों और क्रांतियों का इतिहास रहा है। राणा काल के दौरान, 2007 की क्रांति, पंचायत के खिलाफ संघर्ष और 2006/07 के आंदोलन ने संघीय लोकतंत्र और गणतंत्र को जन्म दिया, लेकिन एकल राष्ट्रीय राज्य बना रहा। ”एक जाति की जातीय शासन व्यवस्था अब भी कायम है”। महतो ने कहा, ”दुनिया में विफल हो चुकी कम्युनिस्ट विचारधारा और पश्चिमी पूंजीवादी व्यवस्था नेपाल के लिए अच्छी नहीं है। हमारा मानना है कि बहुराष्ट्रीय लोकतंत्र पर आधारित राज्य व्यवस्था ही एकमात्र विकल्प है। यह सभी राष्ट्रीयताओं, नस्लों और समुदायों को समान अधिकारों के साथ अवसर देगा।’ इसके अलावा, उन्होंने कहा कि वह घाटी में अवैध सड़कों के विस्तार, नदियों और नालों के मानकों, कचरे के दोहन, वन विनाश और मधेस सरकार के अन्याय के खिलाफ लड़ेंगे।

महतो ने कहा कि परिषद की बैठक में वनों की कटाई, जंगल विनाश और मधेश सरकार के खिलाफ पार्टी द्वारा किये गये विरोध प्रदर्शन पर चर्चा होगी। ‘हम यहां संघर्षों के संबंधों पर चर्चा करते हैं। आने वाले दिनों में किये जाने वाले संघर्ष के बारे में हम आवश्यक निर्णय लेंगे। इसी तरह, कोशी प्रांत के नाम को रद्द करने के लिए संघर्ष,’ महतो ने कहा, ‘मधेश सरकार के अन्याय के खिलाफ संघर्ष, उत्खनन, बजरी रेत खनन और वन विनाश के खिलाफ संघर्ष, बागमती प्रांत के नाम को रद्द करने के लिए संघर्ष।’ विस्तारित बैठक में सभापति महतो समेत केंद्रीय परिषद के सदस्यों ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मुक्ति क्रांति का मुख्य नारा और सिद्धांत “अभियान में निरंतरता, संघर्ष पर जोर और विद्रोह की तैयारी” होगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मुक्ति क्रांति से शुरू हुई अपनी प्रचार पार्टी के गठन के बाद भी, उन्होंने अब तक जो काम किया है वह संतोषजनक रहा है, इसलिए उन्हें विश्वास है कि भविष्य में अकल्पनीय प्रगति होगी और सभी लोगों का समर्थन मिलेगा। इस बैठक में पूर्व मंत्री रामनरेश यादव, कौशल किशोर सिंह, संतोष मेहता, केशव झा, वुद्द चिरिंग मोक्तन, रवीन्द्र श्रेष्ठ, आर. के. तमांग, अनिल महासेठ, कमला गुरुंग, सुमन सायमी, कुंजीलाल यादव समेत 150 से अधिक पार्टी नेता व कार्यकर्ता मौजूद थे।

Spread the love