by sunil
रांची : सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड द्वारा आयोजित कोल इंडिया मेडिकल कॉन्फ्रेंस 25 से 27 अक्टूबर दरभंगा हाउस के कन्वेंशन सेंटर, राँची में आयोजित होगी। इस वार्षिक सम्मेलन का विषय ह्लस्वास्थ्य प्राथमिकताएं वर्तमान और भविष्य रखा गया है। यह कार्यक्रम प्री-कॉन्फ्रेंस वर्कशॉप और उटर मीट के साथ प्रारंभ होगा।इस तीन दिवसीय सम्मेलन में 15 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वक्ता शामिल होंगे, जो चिकित्सा विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में हालिया प्रगति और भविष्य की चुनौतियों पर अपने विचार साझा करेंगे। इस सम्मेलन में कोल इंडिया लिमिटेड और उसकी सहयोगी कंपनियों के लगभग 300 डॉक्टर हिस्सा लेंगे, जिससे उन्हें चिकित्सा क्षेत्र में हो रहे नवीनतम शोध और उन्नत तकनीकों से अवगत होने का अवसर मिलेगा। विशेष आकर्षण के रूप में, देश के चार प्रमुख चिकित्सा विशेषज्ञ विभिन्न स्वास्थ्य विषयों पर अपने गहन अनुभव और योगदान को साझा करेंगे। जिसमें पद्म भूषण डॉ. एस. के. सरीन निदेशक, इंस्टीट्यूट आॅफ लिवर एंड बाइलरी साइंसेज नई दिल्ली। डॉ. सरीन हेपेटोलॉजी के क्षेत्र में विशेष रूप से लिवर सिरोसिस, हेपेटाइटिस बी और सी और लिवर ट्रांसप्लांटेशन के विशेषज्ञ हैं। उन्होंने भारत में लिवर केयर को उन्नत करने में उल्लेखनीय योगदान दिया है। पद्मश्री डॉ. एन. के. पांडे चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर, एशियन इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंसेज फरीदाबाद। डॉ. पांडे भारत में न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी और सर्जिकल आॅन्कोलॉजी के क्षेत्र में अग्रणी माने जाते हैं। उन्होंने भारत में लैप्रोस्कोपिक और एंडोस्कोपिक सर्जरी तकनीकों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। पद्मश्री डॉ. रणदीप गुलेरिया झ्र पूर्व निदेशक, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (अककटर), नई दिल्ली। वर्तमान में मेदांता अस्पताल, गुरुग्राम में इंटरनल मेडिसिन और रेस्पिरेटरी एंड स्लीप मेडिसिन के चेयरमैन हैं। उडश्कऊ-19 महामारी के दौरान, डॉ. गुलेरिया एक प्रमुख सलाहकार थे और उन्होंने भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य रणनीतियों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पद्मश्री डॉ. जे. एस. टिटियाल झ्र मुख्य, डॉ. आर.पी. सेंटर फॉर आॅप्थैल्मिक साइंसेज, अककटर, नई दिल्ली। डॉ. टिटियाल ने मोतियाबिंद सर्जरी, कॉर्निया ट्रांसप्लांटेशन और रिफ्रैक्टिव सर्जरी के क्षेत्र में उन्नत तकनीकों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।यह सम्मेलन कोल इंडिया के चिकित्सा समुदाय को एक साझा मंच पर लाकर ज्ञान और अनुभव के आदान-प्रदान का अवसर प्रदान करेगा, जिससे हमारे डॉक्टरों की क्षमताओं का विकास होगा और स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाया जा सकेगा।