Ashutosh Jha
काठमांडू : नेपाल विद्युत प्राधिकरण की सहायक मोदी जलविद्युत कंपनी लिमिटेड द्वारा निर्मित 18.2 मेगावाट की माथिल्लो मोदी जलविद्युत परियोजना की ठेका प्रक्रिया में आर्थिक अनियमितता और राजनीतिक हस्तक्षेप होने की जानकारी सामने आई है। ऊर्जा, जलस्रोत और सिंचाई राज्य मंत्री पूर्णबहादुर तामांग और प्राधिकरण के कार्यकारी निर्देशक कुलमान घिसिङ की संलिप्तता से दो निश्चित कंपनियों को लाभ पहुंचाने की प्रक्रिया अपनाई गई है। इस परियोजना की कुल लागत 3 अरब 35 करोड़ रुपये है और इसे इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (EPC) मॉडल के तहत पूरा किया जाना है। इसके लिए माघ 23 गते (नेपाल संवत) को निविदा (बोलपत्र) आह्वान किया गया था।
इस निविदा में साउथ एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि., टुंडी कंस्ट्रक्शन प्रा. लि., भूगोल कंस्ट्रक्शन प्रा. लि., फेवा कंस्ट्रक्शन प्रा. लि. और वाइबा/रामेछाप कंस्ट्रक्शन (RSC JV) प्रा. लि. ने आवेदन दिया था। हालांकि, प्राधिकरण के सूत्रों के अनुसार राज्य मंत्री तामांग और कुलमान घिसिङ के भाई गणेश घिसिङ से जुड़े दो कंपनियों को ठेका दिलाने की योजना बनाई गई थी। गत दिनों प्रकाशित सूची में अन्य तीन कंपनियों को तकनीकी त्रुटियों के आधार पर अयोग्य ठहराया गया। सूत्रों का दावा है कि राज्य मंत्री तामांग ने अन्य प्रतिस्पर्धी कंपनियों पर आवेदन वापस लेने का दबाव डाला। सूत्रों के अनुसार, राज्य मंत्री ने कुछ कंपनियों को फोन कर इस तरह की बातें कहीं, लेकिन प्रतिस्पर्धी कंपनियों ने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया। सार्वजनिक खरीद निगरानी कार्यालय (PPMO) के मानकों के अनुसार, सामान्य त्रुटियों का हवाला देकर तीन कंपनियों को अयोग्य ठहराया गया। इसके बाद, राज्य मंत्री तामांग और कुलमान घिसिङ के भाई की कंपनी को ही तकनीकी रूप से योग्य घोषित किया गया, और चैत 14 गते(नेपाली संवत) तक अंतिम निर्णय लिए जाने की तैयारी चल रही है।
हालांकि, प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के सुझाव को नजरअंदाज कर दिया गया। यदि यही प्रक्रिया आगे बढ़ती है, तो यह स्पष्ट रूप से भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला मामला होगा। प्रतिस्पर्धा, पारदर्शिता और सुशासन के सिद्धांतों के खिलाफ इस प्रकार की प्रक्रिया से नेपाल के जलविद्युत क्षेत्र की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े हो सकते हैं। गौरतलब है कि कास्की के अन्नपूर्ण गांवपालिका में 42 मेगावाट के माथिल्लो मोदी ‘A’ के ऊपरी क्षेत्र में 18.2 मेगावाट का माथिल्लो मोदी परियोजना निर्माणाधीन है।