कुम्हारों के चाक अब थम चुके हैं, उनके चेहरों पर मायूसी और आंखों में बेबसी साफ देखी जा सकती है

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दीपावली पर कुम्हारों की उम्मीदों पर पानी फेर रही बारिश, दीयों की कीमतें बढ़ने की आशंका

RAJU CHAUHAN

धनबाद: दीपावली से पहले जहां हर साल कुम्हारों के चाक तेजी से घूमते हैं और उनके घरों में रौनक होती है, वहीं इस बार लगातार हो रही बारिश ने उनके सपनों और मेहनत पर पानी फेर दिया है। दुर्गा पूजा के बाद से रुक-रुक कर जारी वर्षा ने न सिर्फ मिट्टी के दीये, खिलौने और मूर्तियों को सूखने नहीं दिया, बल्कि जो थोड़ा-बहुत सामान तैयार हुआ भी, वह गीलेपन के कारण खराब हो गया।बारिश और धूप की कमी से मिट्टी सूख नहीं रही, जिससे तैयार माल खराब हो रहा है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इससे कुम्हारों को लाखों रुपये का नुकसान हो सकता है। कई परिवारों के लिए दीपावली का उजाला इस बार फीका पड़ता नजर आ रहा है, दुकानदार भी माल न मिलने के कारण परेशान हैं। आपूर्ति में बाधा के चलते दीयों की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। उपभोक्ताओं को इस बार ज्यादा दाम पर दीये खरीदने पड़ सकते हैं। हालांकि, कुछ कुम्हारों को अब भी आस है। बाघमारा और कतरास के कुछ कुम्हारों का कहना है कि अगर अगले कुछ दिनों में मौसम खुला और धूप निकली, तो हालात सुधर सकते हैं। उनकी तकदीर फिर से करवट ले सकती है।”दीपावली हमारा साल का सबसे बड़ा सहारा होती है। इस समय की कमाई से ही पूरे साल का घर चलता है, लेकिन इस बार तो भगवान ने ही साथ छोड़ दिया।

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