Eksandeshlive Desk
नई दिल्ली : लेफ्टिनेंट जनरल पुष्पेंद्र सिंह ने शुक्रवार को उप सेना प्रमुख (वीसीओएएस) का कार्यभार संभाल लिया। उन्हें यह नियुक्ति निवर्तमान उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि की 39 वर्षों की सेवा के बाद सेवानिवृत्त होने पर मिली है। नए वीसीओएएस ने आज राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करके राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीरों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद साउथ ब्लॉक लॉन में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। लेफ्टिनेंट जनरल पुष्पेंद्र सिंह ने आज भारतीय सेना के उप सेना प्रमुख का पदभार ग्रहण किया। इसके बाद उन्होंने वीर नारियों और उन बहादुरों के परिवार के सदस्यों के साथ नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करके श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने 22 जुलाई, 1989 को श्रीलंका में ऑपरेशन पवन में एक साहसिक आतंकवाद-रोधी अभियान के दौरान उनकी कमान में लड़ाई लड़ी थी। उस समय युवा द्वितीय लेफ्टिनेंट के रूप में उप-सेना प्रमुख ने 13 सदस्यीय त्वरित प्रतिक्रिया दल का नेतृत्व किया था। उस समय उन्होंने एक जवाबी हमले का नेतृत्व किया, जिसमें चार लिट्टे आतंकवादियों को मार गिराया गया और कई अन्य घायल हो गए।इस हमले में पांच बहादुर सैनिकों ने सर्वोच्च बलिदान दिया था। एक स्मारक कार्यक्रम में उप-सेना प्रमुख ने साउथ ब्लॉक में सलामी गारद का निरीक्षण किया।
शांति मिशनों में विदेशी युद्ध का अनुभव : नए उप सेना प्रमुख को लेबनान और श्रीलंका में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में विदेशी युद्ध का अनुभव है। जनरल ऑफिसर सेना मुख्यालय में महानिदेशक, ऑपरेशनल लॉजिस्टिक्स एवं स्ट्रैटेजिक मूवमेंट के पद पर कार्यरत थे। जनरल ऑफिसर को दिसंबर, 1987 में पैराशूट रेजिमेंट (विशेष बल) की चौथी बटालियन में कमीशन मिला था। वे ला मार्टिनियर कॉलेज, लखनऊ, लखनऊ विश्वविद्यालय और प्रतिष्ठित भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के पूर्व छात्र हैं। जनरल ऑफिसर ने तीन दशकों से भी अधिक के शानदार करियर के साथ ‘ऑपरेशन पवन’, ‘ऑपरेशन मेघदूत’, ‘ऑपरेशन ऑर्किड’ और ‘ऑपरेशन रक्षक’ में कई बार सेवा की है।उन्होंने अप्रैल, 2022 में राइजिंग स्टार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग का पदभार संभाला था। वर्ष 2005 में स्थापित यह कोर हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला के दक्षिण-पूर्व में कांगड़ा घाटी के योल छावनी शहर में स्थित है। लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने अपने पूरे करियर में विभिन्न नेतृत्वकारी भूमिकाएं निभाई हैं। उनकी सेवाओं को अति विशिष्ट सेवा पदक और सेना पदक से सम्मानित किया गया है, जो उन्हें दो बार प्रदान किए जा चुके हैं। भारतीय सैन्य अकादमी के पूर्व छात्र सिंह की शैक्षिक पृष्ठभूमि ने उनके नेतृत्व कौशल और रणनीतिक सोच को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
वाइस एडमिरल संजय वात्स्यायन ने 47वें नौसेना उप प्रमुख का कार्यभार संभाला : वाइस एडमिरल संजय वात्स्यायन ने शुक्रवार को 47वें नौसेना उप प्रमुख (वीसीएनएस) के रूप में कार्यभार संभाल लिया। उन्होंने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करके राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीरों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद साउथ ब्लॉक लॉन में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। गनरी और मिसाइल प्रणालियों के विशेषज्ञ संजय वात्स्यायन ने तीन दशकों से अधिक के अपने नौसैनिक करियर में विभिन्न प्रकार के कमांड, ऑपरेशनल और स्टाफ जिम्मेदारियां संभाली हैं। नौसेना उप प्रमुख का कार्यभार संभालने से पहले उन्होंने एकीकृत रक्षा स्टाफ (डीसीआईडीएस) संचालन के उप प्रमुख और उसके बाद आईडीएस मुख्यालय में डीसीआईडीएस (नीति, योजना और बल विकास) के रूप में कार्य किया, जहां उन्होंने तीनों सेनाओं में संचालन के समन्वय, एकीकरण, संयुक्तता, बल विकास और स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने वाली नीतियों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। फरवरी, 2020 में उन्होंने पूर्वी बेड़े के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग का पदभार संभाला और गलवान घाटी में चीन के साथ खूनी संघर्ष के बाद समुद्री गतिविधियों के दौरान कई ऑपरेशनल तैनाती और अभ्यासों का नेतृत्व किया।
समुद्र में विभिन्न अग्रिम पंक्ति के युद्धपोतों पर सेवा : पुणे के राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से 71वें पाठ्यक्रम के पूर्व छात्र वाइस एडमिरल संजय वात्स्यायन को 01 जनवरी 1988 को भारतीय नौसेना में कमीशन दिया गया था। फ्लैग ऑफिसर ने समुद्र में विभिन्न अग्रिम पंक्ति के युद्धपोतों पर सेवा की है, जिनमें गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस मैसूर, आईएनएस निशंक के कमीशनिंग दल और तटरक्षक ओपीवी आईसीजीएस संग्राम के प्रीकमीशनिंग दल शामिल हैं। उन्होंने आईएनएस मैसूर के कार्यकारी अधिकारी के रूप में भी कार्य किया है। उन्होंने तटरक्षक जहाज सी-05, मिसाइल पोत आईएनएस विभूति और आईएनएस नाशक, मिसाइल कार्वेट आईएनएस कुठार और गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस सह्याद्री (कमीशनिंग कमांडिंग ऑफिसर) की कमान संभाली है। डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन, नेवल वॉर कॉलेज, गोवा और प्रतिष्ठित नेशनल डिफेंस कॉलेज, नई दिल्ली से स्नातक, फ्लैग ऑफिसर ने प्रमुख रणनीतिक और नीति-उन्मुख स्टाफ भूमिकाओं में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। नौसेना मुख्यालय में उनकी नियुक्तियों में संयुक्त निदेशक और कार्मिक निदेशक (नीति), नौसेना योजना निदेशक (परिप्रेक्ष्य योजना) और प्रमुख नौसेना योजना निदेशक शामिल हैं। फरवरी, 2018 में फ्लैग रैंक पर पदोन्नति के बाद उन्होंने पूर्वी बेड़े की कमान संभालने से पहले सहायक नौसेनाध्यक्ष (नीति और योजना) के रूप में कार्य किया। नौसैनिक करियर में उनके असाधारण नेतृत्व और अत्यंत उच्च कोटि की सराहनीय सेवा के लिए उन्हें 2021 में अति विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के उप कमांडेंट के रूप में कार्य किया। दिसंबर, 2021 में उन्हें पूर्वी नौसेना कमान (ईएनसी) के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में नियुक्त किया गया। इस पद पर रहते हुए उन्होंने ईएनसी की परिचालन तत्परता, कार्मिक विकास और बुनियादी ढांचेके विस्तार का मार्गदर्शन किया।