सुजानगढ़ से समर्थक पहुंचा जोधपुर, लगाया भारत माता की जय का नारा, पुलिस ने किया डिटेन
Eksandeshlive Desk
जोधपुर/लद्दाख : लेह-लद्दाख में हालिया हिंसक प्रदर्शनों के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत गिरफ्तार सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को देश की सबसे सुरक्षित जेलों में शुमार राजस्थान की जोधपुर सेंट्रल जेल में रखा गया है। शुक्रवार रात को लेह से यहां लाया गया। जेल में त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। मेडिकल जांच भी पूरी हो चुकी है। वहीं, वांगचुक के समर्थन में शनिवार का सेंट्रल जेल के बाहर एक समर्थक भी तिरंगा लेकर पहुंचा जिसे पुलिस ने हिरासत में लिया। देश की सबसे सुरक्षित जेलों में से एक राजस्थान की जोधपुर सेंट्रल जेल और अजमेर की घुघरा जेल शामिल हैं। इन्हीं कारणों से सोनम वांगचुक को गिरफ्तारी के बाद जोधपुर शिफ्ट किया गया। यहां जेल में लगे कैमरे न सिर्फ जेल मॉनिटरिंग सिस्टम से जुड़े हुए हैं बल्कि पुलिस कंट्रोल रूम से भी कनेक्ट हैं, जिससे चौबीसों घंटे कैदियों की गतिविधियों पर नजर रखी जाती है। वहीं लद्दाख के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसडी सिंह जामवाल ने शनिवार को पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के पाकिस्तान से संबंध होने का आरोप लगाया और पड़ोसी देशों की उनकी यात्राओं पर सवाल खड़े किये।
सोनम वांगचुक देशभक्त, लेह लद्दाख के सभी नागरिक देशभक्त : जोधपुर सेंट्रल जेल में मुख्य गेट से लेकर अंदर तक त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था है, जिसमें आरएसी जवानों, पुलिस बल और जेलकर्मियों की तैनाती रहती है। इस जेल में पहले भी कई बड़े मामलों के आरोपी रखे जा चुके हैं। इनमें कश्मीरी अलगाववादी, पंजाब के खालिस्तानी आतंकवादी, अफगानी कैदी, आसाराम, सलमान खान, लॉरेंस बिश्नोई और भंवरी देवी हत्याकांड के आरोपित शामिल रहे हैं। सोनम वांगचुक को भी इन्हीं उच्च सुरक्षा मानकों के तहत रखा गया है। इधर, सोनम वांगचुक के समर्थन में शनिवार सुबह तिरंगा लिए हुए एक व्यक्ति जोधपुर सेंट्रल जेल के बाहर पहुंच गया और भारत माता की जय के नारे लगाने लगा। उसने कहा कि सोनम वांगचुक देशभक्त है। लेह लद्दाख के सभी नागरिक देशभक्त है। इन लोगों ने ही कारगिल की घुसपैठ के बारे में भारतीय सेना को सूचना दी थी। इस व्यक्ति ने अपना नाम विजयपाल निवासी सुजानगढ़ जिला चूरू बताया। विजयपाल ने बताया कि जब उसे यह पता चला कि वांगचुक को जोधपुर लाया गया है तो वह सुबह उठकर साइकिल से सुजानगढ़ रेलवे स्टेशन पहुंचा। वहां से ट्रेन पकड़कर जोधपुर आया। मौके पर रातानाडा थाना पुलिस पहुंची तो विजयपाल ने धमकी देते हुए कहा कि उसे डिटेन किया गया तो वह भूख हड़ताल करेगा। वह परिवार वाला साधारण आदमी है। पुलिस ने कहा कि वह उससे बातचीत करना चाहती है तो विजयपाल ने कहा कि वह पैदल ही उनके साथ चलने को तैयार है। इसके बाद पुलिस उसे गाड़ी में बैठाकर ले गई और उसे डिटेन कर लिया। रातानाडा थानाधिकारी दिनेश लखावत ने बताया कि विजयपाल को डिटेन किया गया है। वह खुद को साधारण आदमी बता रहा है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। विजयपाल ने बताया कि वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का प्रदेश सह मंत्री रह चुका है।
लद्दाख के डीजीपी ने सोनम वांगचुक पर पाकिस्तान से संबंध होने का लगाया आरोप : लद्दाख के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसडी सिंह जामवाल ने शनिवार को पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के पाकिस्तान से संबंध होने का आरोप लगाया और पड़ोसी देशों की उनकी यात्राओं पर सवाल खड़े किये। लेह में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए डीजीपी जामवाल ने कहा कि पुलिस ने हाल ही में एक पाकिस्तानी पीआईओ को गिरफ्तार किया है, जो वांगचुक के संपर्क में था। उसे उस वक्त गिरफ्तार किया गया था, जब वह पाकिस्तान में रिपोर्टिंग कर रहा था। हमारे पास इसका रिकॉर्ड है। सोनम वांगचुक पाकिस्तान में डॉन के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उन्होंने बांग्लादेश का भी दौरा किया था। इसलिए उन पर एक बड़ा सवालिया निशान है, जिसकी जांच की जा रही है। डीजीपी ने वांगचुक पर 24 सितंबर को लेह में हिंसा भड़काने का आरोप लगाते हुए कहा कि सोनम वांगचुक का लोगों को भड़काने का इतिहास रहा है। उन्होंने अरब स्प्रिंग, नेपाल और बांग्लादेश का ज़िक्र किया है। एफसीआरए उल्लंघन के लिए उनके वित्तपोषण की जांच चल रही है। लेह हिंसा के पीछे किसी विदेशी संलिप्तता के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जांच के दौरान दो और लोगों को पकड़ा गया। अगर वे किसी साज़िश का हिस्सा हैं, तो मैं नहीं कह सकता। इस जगह पर नेपाली लोगों के मज़दूरी करने का इतिहास रहा है, इसलिए हमें जांच करनी होगी। डीजीपी ने कहा कि भड़काऊ भाषण तथाकथित पर्यावरण कार्यकर्ताओं द्वारा दिए गए थे, जिसके कारण केंद्र शासित प्रदेश में हिंसा हुई। उन्होंने सोनम वांगचुक पर केंद्र के साथ बातचीत को पटरी से उतारने का आरोप लगाया और कहा कि 24 सितंबर को एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। चार लोगों की जान चली गई और बड़ी संख्या में नागरिक, पुलिस अधिकारी और अर्धसैनिक बल के अधिकारी घायल हो गए। इन चल रही प्रक्रियाओं (केंद्र के साथ बातचीत) को विफल करने के प्रयास किए गए।