मां दुर्गा का आगमन हाथी पर, 22 को होगी कलश स्थापना

360° Ek Sandesh Live Religious

दुर्गा पूजा की महत्वपूर्ण तिथियां

महालया 21 सितंबर रविवार,महाषष्ठी 28 सितंबर रविवार, महासप्तमी 29 सितंबर सोमवार,महाअष्टमी 30 सितंबर मंगलवार, महानवमी- 1 अक्टूबर बुधवार, विजयादशमी 2 अक्टूबर गुरुवार

sunil verma
रांची : पूरा राजधानी सहित आसपास के सभी इलाकों में मां दुर्गा के आगमन को लेकर विभिन्न स्थानों में पंडाल व आकर्षित द्वार की तैयारी हो रही है वही मुर्तियों को विभिन्न आकार देकर तैयारी की जा रही है । इस बार मां दुर्गा का अवागमन हाथी पर होने जा रही है जो धन धान्य के साथ अच्छी बारिश का प्रतीक है। 22 सितंबर से कलश स्थापना के साथ शारदीय नवरात्र की शुरूआत हो रही जो कि 2 अक्टूबर को मां दुर्गा की विसर्जन के साथ संपन्न होगी । वहीं गमन डोली पर हो रहा है जो आध्यात्मिक दृष्टि से शुभ नहीं माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि डोली पर मां का गमन बीमारी एवं प्राकृतिक आपदा का प्रतीक है, जिससे जनता को जूझना पड़ता है। इन सबके बीच मां भवानी के स्वागत की तैयारी जोरों पर है। दूसरे सालों की तुलना में इस बार षष्ठी तिथि दो दिन होने की वजह से दुर्गा पूजा 11 दिनों का होगा, हालांकि मां के नौ रुपों की पूजा और दुर्गा पाठ दस दिनों में ही संपन्न होगा. नवरात्र के अंतिम पांच दिनों का खास महत्व है। इस साल 28 सितंबर रविवार से मुख्य उत्सव षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी और विजयादशमी यानी दशहरा मनाया जाएगा। शारदीय नवरात्रि की शुरूआत 22 सितंबर को कलश स्थापना के साथ होगी। इस दिन मां की शैलपुत्री रूप की पूजा होगी। इससे पहले कलश स्थापना की विधि है जिसे अभिजीत मुहूर्त में सबसे उत्तम माना जाता है।
इस साल 11 दिनों की पूजा है इसलिए पूजा का पाठ दोहराना नहीं है 9 दिनों का पाठ होगा 1 अक्टूबर को हवन होगा और 2 अक्टूबर को विजयदशमी के अवसर पर नीलकंठ दर्शन और मां का गमन होगा। विजयदशमी श्रवणा नक्षत्र और दशमी तिथि में होनी चाहिए, जो 2 अक्टूबर को हो रहा है एक अक्टूबर को मध्यान्ह में होने के कारण उदया तिथि में दशमी और श्रवणा नक्षत्र नहीं है। इस वजह से 2 अक्टूबर को ही विजयादशमी होगी।

Spread the love