VIJYANAND SINHA
चास: बौद्धिक और शैक्षणिक स्तर पर मानवीय उच्चता को स्थापित करने में हरदयाल बाबू की भूमिका हमेशा के लिए याद की जायेगी। उक्त बातें मुकेश कान्त रजक ने चन्दनकियारी में आयोजित स्व. हरदयाल शर्मा के जयंती के अवसर पर कही। रजक ने कहा कि हरदयाल बाबू शिक्षा के प्रकाशपुंज थे। सत्यनिष्ठा और ईमानदार के प्रतिक थे। कहा कि एक समतामूलक, विषमताविहिन सभ्य समाज बनाने में हरदयाल बाबू के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। आज उनके सोच एवं विचार को आत्मसात करने की जरूरत है। रजक ने कहा कि हरदयाल बाबू के विचार और आदर्शों को अपनाना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। कहा कि उनके पदचिन्हों पर चलकर ही एक व्यापक समाजिक स्तर पर शैक्षणिक वातावरण का निर्माण किया जा सकता है। इसके पूर्व, मुकेश कान्त रजक ने चन्दनकियारी बाई पास चौक स्थित स्व. हरदयाल शर्मा के मूर्ति पर पुष्पांजलि देकर श्रद्धासुमन अर्पित किया।