Eksandeshlive Desk
नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने आम बजट में मध्यम वर्ग को मिली राहत को बेहद मामूली बताते हुए कहा है कि देश महंगाई और बेरोजगारी की समस्या से गुजर रहा है। इस बजट में युवा, किसान, महिला एवं पिछड़ों के लिए कुछ नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि पिछले 10 साल में मोदी सरकार ने मध्यम वर्ग से 54.18 लाख करोड़ रुपये का आयकर वसूल किया है। अब वह 12 लाख तक की छूट की बात कर रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि मोदी सरकार ने अपनी खामियों को छुपाने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ को ‘नेशनल मैन्युफैक्चरिंग मिशन’ बना दिया है। इसके अलावा सारी घोषणाएं लगभग एक जैसी हैं। इस बजट में युवाओं, महिलाओं, किसानों, दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, गरीबों, अल्पसंख्यकों के लिए कुछ नहीं है। स्वास्थ्य, शिक्षा, स्कॉलरशिप से जुड़ी कोई योजना नहीं है।
उन्होंने कहा कि निजी निवेश को बढ़ाने के लिए कोई रिफॉर्म नहीं किया गया है। निर्यात और टैरिफ पर स्तही बातें कर अपनी विफलताओं को छुपाया गया है। गरीब की आय बढ़ाने के लिए कुछ नहीं किया गया है। लगातार घटते उपभोग को बढ़ाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। मनरेगा पर बजट जस का तस है और श्रमिकों की आय बढ़ाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया है। ‘स्टार्टअप इंडिया’, ‘स्टैंड इंडिया’ जैसी सारी योजनाएं केवल घोषणाएं साबित हो रही है। कुल मिलाकर मोदी सरकार ने लोगों की आंख में धूल झोंकने का प्रयास किया। लोकसभा में नेता विपक्ष एवं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बजट को लेकर सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि सरकार विचारों के दिवालियापन से गुजर रही है। वे गोली लगे घाव पर खाली बैंडेज लगा रही है। वैश्विक अनिश्चितता के बीच घरेलू आर्थिक संकट का हल खोजने के लिए एक बड़े बदलाव की आवश्यकता है।
बजट राजनीतिक स्वार्थ अधिक व देशहित का कम: मायावती
लखनऊ : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज देश का बजट 2025 लोकसभा में पेश किया है। इस पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सरकार के बजट राजनीतिक स्वार्थ बताया है। मायावती ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि देश में महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी की जबरदस्त मार है। साथ ही सड़क, पानी, शिक्षा, सुख-शान्ति आदि की जरूरी बुनियादी सुविधाओं के अभाव है। इसके कारण लगभग 140 करोड़ की भारी जनसंख्या वाले भारत में लोगों का जीवन काफी त्रस्त है, जिसका केंद्रीय बजट के माध्यम से भी निवारण होना जरूरी। लेकिन वर्तमान भाजपा सरकार का भी बजट, कांग्रेस की ही तरह, राजनीतिक स्वार्थ का अधिक व जन एवं देशहित का कम लगता है। अगर ऐसा नहीं है तो इस सरकार में भी लोगों का जीवन लगातार तंग, बदहाल व दुखी क्यों ? विकसित भारत’ का सपना बहुजनों के हित का भी होना जरूरी।