रंजीत कुमार
रांची: छत्तीसगढ़ के बाद मध्यप्रदेश में भी सीएम के नाम का सस्पेंस खत्म हो गया है. विधायक दल की बैठक में मोहन यादव के नाम पर मुहर लगी है. मोहन यादव वर्तमान में उज्जैन दक्षिण से विधायक है. उन्हें संघ से नजदीकी का फायदा मिला है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से राजनीतिक पारी की शुरूआत करने वाले डॉ मोहन यादव ने भाजयुमो और आरएसएस के कई महत्वपूर्ण पदो पर काम करने का अनुभव है. 2013 में पहली बार विधायक बनने से पहले ही उज्जैन विकास प्राधिकरण और मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष का दायित्व बखूबी निर्वहन कर चुके थे. 2013 के बाद मोहन यादव 2018 और 2023 का चुनाव लगातार जीत कर विधायक बने और शिवराज सिंह चौहान की सरकार में मंत्री भी रह चुके है.
पर्यवेक्षकों की टीम में आशा लकड़ा भी थी शामिल
मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री के चुनने के लिए बीजेपी ने तीन सदस्यीय पर्यवेक्षकों की टीम का एलान किया था. जिसमे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, आशा लकड़ा और के लक्ष्मण शामिल थे. आज भोपाल पहुंचने के बाद सभी पर्यवेक्षकों की सबसे पहले शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात हुई. शिवराज सिंह चौहान को पार्टी आलाकमान के निर्णय से अवगत कराया गया. जिसके बाद मुख्यमंत्री पद के लिए डॉ मोहन यादव के नाम पर सहमति बनी.