Eksandeshlive Desk
चतरा : प्रखंड मुख्यालय स्थित प्लस टू हाई स्कूल के मैदान में भारत के प्रथम चक्रवर्ती सम्राट महाराज जरासंध का जन्मोत्सव सह चंद्रवंशी महासम्मेलन समारोह धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर चंद्रवंशी समाज द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। शुक्रवार के दिन दोपहर बाद प्रतापपुर नगर में ढोल बाजे तथा मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा ताशे पार्टी के साथ भव्य शोभा यात्रा के साथ महाराज सम्राट जरासंध की प्रतिमा का विसर्जन किया गया। मूर्ति विसर्जन सह शोभा यात्रा आयोजन स्थल हाई स्कूल के मैदान से शुरू होकर कसमार मुख्य मार्ग से होते हुए रामपुर तथा उसके बाद प्रतापपुर मुख्य चौक से ग्रामीण बैंक रोड व न्यू शिव मंदिर होते हुए बभने मोड़ पहुंचा। जुलूस में हजारों की संख्या में चंद्रवंशी समाज के पुरुष महिला व नौजवान शामिल हुए।जय जरासंध जय मगधनरेश के नारों से पूरा नगर गुंजायमान रहा। चक्रवर्ती सम्राट महाराज जरासंध की भव्य मूर्ति को वाहन पर फूल मालाओं से सजाकर पूरे नगर में भ्रमण कराया गया। शोभा यात्रा में रामगढ़ व धनबाद से आए ताशा पार्टी के अनोखे अंदाज में ड्रम सेट आदि के बजाने की कला से सभी लोग अभिभूत हुए। शोभा यात्रा बभने मोड़ पहुंचने के बाद देवी मंडप रोड होते हुए प्रतापपुर डैम पहुंच कर समाप्त हो गया। डैम पर पूरे विधि-विधान से जरासंध की प्रतिमा का विसर्जन किया गया। इस मौके पर जरासंध जयंती सह चंद्रवंशी महा सम्मेलन के अध्यक्ष विजय राम चंद्रवंशी ने बताया कि जन्मोत्सव समारोह के अवसर पर आयोजित चंद्रवंशी महासभा सम्मेलन में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के अलावा राज्य स्तर के पदाधिकारी और कई राजनेताओं ने भी भाग लिया। कार्यक्रम के पहले दिन गुरुवार को महाराज जरासंध की प्रतिमा स्थापित की गई थी।देर शाम तक भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।कार्यक्रम में प्रमुख रुप से अखिल भारतीय चंद्रवंशी महासभा के प्रदेश अध्यक्ष बजरंग चंद्रवंशी, उपाध्यक्ष महेश चंद्रवंशी आदि शामिल हुए।वहीं समिति के महासचिव दामोदर राम, विश्वनाथ राम सचिव मिथलेश कुमार सोनू , कोषाध्यक्ष रघुबीर राम, मुख्य सलाहकार संजय कुमार सिंह, निर्मल राम, मोहन राम, मीडिया प्रभारी अनुज चंद्रवंशी, अजय राज, कार्यकारणी सदस्यों में गोलू कुमार, राजा कुमार, सुकेश कुमार, गौरव कुमार, सौरभ कुमार सहित समिति के प्रत्येक सदस्यों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया तथा कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया। कार्यक्रम को लेकर आसपास के इलाके में काफी उत्साह देखा गया। कार्यक्रम के उपरांत भव्य भंडारे में लगभग पांच हजार लोगों ने भोजन ग्रहण किया। मूर्ति विसर्जन के साथ हीं दो दिवसीय जरासंध जयंती सह चंद्रवंशी महासम्मेलन शांति पूर्वक संपन्न हो गया।