Eksandeshlive Desk
मुंबई : महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से रविवार को कई नदियां उफान पर बह रही हैं। इससे निचले इलाकों में बसे लोगों काे डर सताने लगा है। हालांकि इन जिलों में जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है और ऐसे इलाकों में बसे लोगों को स्थानांतरित होने की अपील की जा रही है। राज्य आपदा परिचालन केंद्र ने रविवार को बताया कि रत्नागिरी जिले में पिछले दो दिनों से बारिश जारी है। चिपलून में भारी बारिश जारी है और शहर में कुछ जगहों पर सडक़ों पर बारिश का पानी जमा हो गया है। वर्तमान में वशिष्ठी नदी का जल स्तर बढक़र 4.52 मीटर तक पहुंच गया है। चेतावनी स्तर 5 मीटर है। कोलकेवाड़ी बांध का जलस्तर 133.85 मीटर तक पहुंच गया है। कोलकेवाड़ी बांध में पानी कम करना आवश्यक है, इसलिए एक मशीन चालू की जा रही है। इस बीच, प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक सूचनाओं पर ध्यान दें। रत्नागिरी जिले में पिछले 24 घंटों में औसतन 83.33 मिमी बारिश दर्ज की गई है। इसमें से खेड़ तहसील में सबसे अधिक 178.71 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि चिपलून और दापोली में 125 मिमी और मंदनगढ़ में 116 मिमी बारिश दर्ज की गई। उत्तरी रत्नागिरी में बारिश का सिलसिला जारी है। खेड़ में जगबुड़ी नदी खतरे के निशान (7 मीटर) को पार कर गई है और इसका जलस्तर वर्तमान में 7.20 मीटर तक पहुँच गया है। इसके कारण खेड़ शहर के मच्छी बाजार क्षेत्र में पानी घुस गया है। जगबुड़ी नदी के किनारे रहने वाले निवासियों और बाज़ार के व्यापारियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। भारी बारिश ने यातायात को भी प्रभावित किया है। नारंगी नदी में बाढ़ के कारण खेड़-दापोली मार्ग पर पानी जमा हो गया है और इस सडक़ पर यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है। यात्रियों की सुविधा के लिए यातायात को वैकल्पिक मार्ग से मोड़ दिया गया है। गड नदी का बाढ़ का पानी संगमेश्वर तहसील के मखजन बाज़ार में घुस आया है। इससे व्यापारियों को भारी असुविधा हुई है। दापोली में भारी बारिश जारी है और कादिवली में दादर पुल से पानी बह रहा है, जिससे यातायात रोक दिया गया है। दापोली तहसील के असोंद गांव की आंतरिक सडक़ पानी के कारण बह गई है। खेड़ दापोली और चिपलून वर्तमान में भारी बारिश से प्रभावित हैं।
महाराष्ट्र में 17 से 21 अगस्त के बीच भारी बारिश की दी चेतावनी : महाराष्ट्र में माैसम विभाग ने रविवार को 17 से 21 अगस्त के बीच भारी बारिश की चेतावनी के साथ पुणे घाट क्षेत्र में अगले 24 घंटों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही पालघर, ठाणे, मुंबई शहर, मुंबई उपनगरों, रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, यवतमाल, चंद्रपुर, गढ़चिरौली, जिलों के साथ-साथ सतारा घाट, कोल्हापुर घाट में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने बताया कि इस दौरान जिला प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। मौसम विज्ञान विभाग ने आज कहा कि 17 से 21 अगस्त के बीच अत्यधिक भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है और नागरिकों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही जिला प्रशासन को अत्यधिक भारी वर्षा की चेतावनी के कारण भूस्खलन के संबंध में सभी आवश्यक कार्रवाई करने के लिए सूचित किया गया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने बताया है कि मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है क्योंकि समुद्र की स्थिति खराब है और 50-60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएँ चलने की संभावना है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने बताया कि रायगढ़ जिले में कुंडलिका नदी चेतावनी स्तर को पार कर गई है। रत्नागिरी जिले में जगबुड़ी नदी खतरे के स्तर को पार कर गई है और जगबुड़ी नदी का पानी खेड़ शहर में खेड़-दापोली मार्ग में प्रवेश कर गया है, इसलिए सुरक्षा कारणों से खेड़ शहर से दापोली तक यातायात बंद कर दिया गया है और जिला प्रशासन ने नागरिकों को अलर्ट नोटिस जारी किया है। इसी तरह जलगाँव जिले के हतनूर बाँध से तापी नदी बेसिन में वर्तमान में 28075 क्यूसेक पानी और यवतमाल जिले के ईसापुर बाँध से पेनगंगा नदी बेसिन में 54466 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने बताया है कि प्रशासन ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल को आपातकालीन स्थितियों के लिए सतर्क रहने के निर्देश जारी किए हैं।
हिमाचल में फ्लैश फ्लड से भारी नुकसान, शिमला-मंडी सड़क धंसी : हिमाचल प्रदेश में मॉनसून का कहर लगातार जारी है। मंडी और कुल्लू जिलों में भारी बारिश और फ्लैश फ्लड की घटनाओं ने हालात बिगाड़ दिए हैं। मौसम विभाग ने आगामी 19 अगस्त तक राज्य के कई स्थानों पर भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है। आम लोगों से सतर्कता बरतने और नदी-नालों से दूर रहने की अपील की गई है। आपदा की मार झेल रहे मंडी जिला में एक बार फिर फ्लैश फ्लड ने भारी नुकसान पहुंचाया। औट थाना क्षेत्र के पनारसा, टकोली और नगवाई इलाक़ों में अचानक आए सैलाब से बाजारों में मलबा भर गया और कई दुकानों व घरों को भारी नुकसान हुआ। नाले में आई बाढ़ ने पनारसा में कोहराम मचाया है। इस फ़्लैश फ्लड से मंडी–कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग भी बंद हो गया है, जिससे राहत व बचाव दलों को मौके पर पहुंचने में कठिनाई पेश आ रही है। पुलिस कंट्रोल रूम मंडी के अनुसार अभी तक जनहानि की सूचना नहीं है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी है। वहीं, टकोली क्षेत्र में आये सैलाब के बाद पंडोह बांध प्रबंधन ने जानकारी दी है कि व्यास नदी में पानी की आवक के आधार पर अतिरिक्त पानी छोड़ा जाएगा। ऐसे में आम जनता, पर्यटकों और कामगारों को व्यास नदी के किनारे से सुरक्षित दूरी बनाने की कड़ी सलाह दी गई है। गौरतलब है कि इससे पहले 30 जून की रात मंडी जिले में 12 जगह बादल फटने से भारी जनहानि हो चुकी है। उधर, कुल्लू जिला में भी रातभर हुई भारी बारिश ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दोहरानाला इलाके में मौहल खड्ड में बाढ़ आने से तबाही हुई है। पिरडी नाले से निकला मलबा और कीचड़ सड़क पर आ जाने से कुल्लू–भुंतर मार्ग अवरुद्ध हो गया है। वहीं, एक कार और एक बाइक मलबे में बह गई, जबकि कई किसानों की जमीनें और फसलें बर्बाद हो गईं। भुंतर इलाके में खोखन नाले का पानी बाजार में घुस गया, जिससे दुकानदार परेशान हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदी-नालों से दूर रहें। उधर, किन्नौर जिले में भी बारिश का दौर जारी है। एनएच–5 पर रनांग नाला, टिंकू नाला और मालिंग नाला में मलबा आने से यातायात बाधित है। टिंकू नाला पर सिर्फ आपात स्थिति में ही छोटे वाहनों को निकाला जा रहा है। इस बीच, शिमला–मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी खतरा बढ़ गया है। शनिवार रात सतलुज नदी के कटाव से तत्तापानी के पास सड़क का लगातार धंसना जारी है और अब सड़क की चौड़ाई घटकर महज 4.20 मीटर रह गई है। इससे यातायात प्रभावित हुआ है और प्रशासन ने यात्रियों को सावधानी बरतने को कहा है।