Eksandeshlive Desk
मुंबई : महाराष्ट्र में सोमवार को हो रही मूसलाधार बारिश से हाहाकार मच हुआ है। बारिश की वजह से घर गिरने, बाढ़ में बह जाने आदि कारणों से सात लोगों की मौत हो गई है। भारतीय मौसम विभाग ने 21 अगस्त तक सूबे के कुल 36 जिलों में से 16 जिलों में रेड या एलो अलर्ट की चेतावनी दी है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रशासन को अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री फडणवीस ने मंत्रालय के राज्य आपदा प्रबंधन कक्ष में पूरे राज्य में वर्षा की स्थिति की समीक्षा की। इसमें संभागीय आयुक्तों ने अपने विभागों में वर्षा के बारे में जानकारी प्रस्तुत की। रत्नागिरी, रायगढ़ और हिंगोली जिलों में अधिक वर्षा हुई है। मौसम विभाग ने भी 17 से 21 अगस्त के बीच भारी वर्षा की चेतावनी दी है।
मुख्यमंत्री ने व्यवस्था को अलर्ट पर रखने का आदेश दिया : इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों को बताया कि सूबे में भारी बारिश से पिछले दो दिनों में विभिन्न घटनाओं में सात लोगों की मौत हो गई है। कोंकण की कुछ नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं और जलगांव में भारी नुकसान हुआ है। अलमट्टी के संबंध में कर्नाटक सरकार से लगातार संपर्क बनाए रखा जा रहा है और हालांकि फिलहाल कोई खतरा नहीं है फिर भी मुख्यमंत्री ने व्यवस्था को अलर्ट पर रखने का आदेश दिया है। मुखेड़ में स्थिति नियंत्रण में है और विष्णुपुरी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि छत्रपति संभाजीनगर संभाग के 800 गांव प्रभावित हुए हैं। दक्षिण गढ़चिरौली में प्रशासन अलर्ट पर है। अकोला, चंदूर रेलवे, मेहकर, वाशिम में स्थिति सामान्य हो रही है। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, विदर्भ में 2 लाख हेक्टेयर में फसलों को नुकसान पहुंचा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुंबई में आज सुबह से केवल आठ घंटों में 170 मिमी बारिश हुई है। शहर में दो स्थानों पर जलभराव के कारण यातायात प्रभावित हुआ है। रेलवे, मेट्रो और अन्य परिवहन सुचारू रूप से चल रहे हैं। अगले 10 से 12 घंटे मुंबई के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं और मुख्यमंत्री ने प्रशासन को इसका ध्यान रखने का आदेश दिया है। स्थानीय प्रशासन और नगरपालिकाओं को कल के मौसम पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए स्कूलों की छुट्टियां घोषित करने का अधिकार दिया गया है।
अलर्ट को गंभीरता से लें और अपना ध्यान रखें : मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों में नागरिकों से अपील की गई है कि वे एसएमएस अलर्ट भेजते समय सटीक समय का उल्लेख करें, आने वाले अलर्ट को गंभीरता से लें और अपना ध्यान रखें। उन्होंने स्पष्ट किया कि तत्काल सहायता के लिए मंत्रालय से संपर्क करने की आवश्यकता नहीं है, स्थानीय स्तर पर धनराशि और अधिकार दिए गए हैं। घर गिरने पर सहायता प्रदान करने और पंचनामा ठीक से करने के निर्देश भी दिए गए। खतरे का स्तर बढऩे से पहले अन्य राज्यों से संपर्क करने को कहा गया।मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि पर्यटन स्थलों पर पुलिस सतर्क रहे। भूस्खलन क्षेत्रों में व्यवस्था पहले से चालू रहे और आश्रय केंद्रों में पर्याप्त भोजन, स्वच्छ पानी और कपड़े उपलब्ध कराए जाएं। इस अवसर पर आपदा प्रबंधन मंत्री गिरीश महाजन, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री एडवोकेट आशीष शेलार, मुख्य सचिव राजेश कुमार, जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक कपूर, आपदा प्रबंधन की अतिरिक्त मुख्य सचिव सोनिया सेठी, कृषि विभाग के प्रधान सचिव विकास चंद्र रस्तोगी, लोक निर्माण विभाग के सचिव संजय दशपुते और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।