महिला एवं बाल विकास निगम एवं सेव द चिल्ड्रेन के संयुक्त तत्वावधान में जागरूकता अभियान

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माहवारी स्वच्छता एवं प्रजनन स्वास्थ्य पर विशेष कार्यक्रम

अशोक वर्मा

मोतिहारी (पूर्वी चम्पारण): महिला एवं बाल विकास निगम अंतर्गत जिला हब फॉर इंपावरमेंट ऑफ विमेन (DHEW) तथा बाल रक्षा भारत (सेव द चिल्ड्रेन) के संयुक्त तत्वावधान में मोतिहारी प्रखंड के बरदाहा पंचायत स्थित ग्राम बरदाहा में सखी वार्ता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम निगम द्वारा चलाए जा रहे दस दिवसीय विशेष जागरूकता अभियान के तहत हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएँ, किशोरियाँ एवं ग्रामीण समुदाय के लोग शामिल हुए।
योजनाओं एवं नीतियों की जानकारी
कार्यक्रम में जिला परियोजना प्रबंधक वीरेंद्र राम, जिला मिशन समन्वयक निधि कुमारी, बाल रक्षा भारत से हामिद रज़ा, सी-3 आदित्य कुमार, जेंडर विशेषज्ञ निर्भय कुमार एवं सत्य प्रकाश सहित WCDC टीम मौजूद रही। वक्ताओं ने महिलाओं की सुरक्षा, संरक्षण एवं सशक्तिकरण से संबंधित सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। साथ ही माहवारी स्वच्छता प्रबंधन, प्रजनन स्वास्थ्य, परिवार नियोजन एवं गर्भावस्था के दौरान पोषण पर विस्तृत चर्चा की गई। इन योजनाओं में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, महिला रोजगार योजना, मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान, परवरिश एवं स्पॉन्सरशिप योजना, शताब्दी योजना, लेबर कार्ड, सामाजिक पुनर्वास योजना, वन स्टॉप सेंटर व महिला हेल्पलाइन 181 जैसी महत्वपूर्ण योजनाएँ शामिल थीं।
सामाजिक कुरीतियों पर जागरूकता
वक्ताओं ने समाज में प्रचलित कुरीतियों जैसे बाल विवाह, दहेज प्रथा, घरेलू हिंसा, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न, लिंग आधारित भेदभाव एवं साइबर अपराध के खिलाफ लोगों को जागरूक किया। साथ ही यह संदेश दिया कि महिलाओं और किशोरियों की शिक्षा, सुरक्षा एवं स्वावलंबन सुनिश्चित किए बिना समाज का समुचित विकास संभव नहीं है।
महिलाओं में जागरूकता और आत्मविश्वास
बैठक में आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, आशा कार्यकर्ता, किशोरी समूह व चिल्ड्रेन्स ग्रुप सहित बड़ी संख्या में किशोरियाँ और महिलाएँ मौजूद रहीं। उपस्थित महिलाओं ने बताया कि इन योजनाओं की जानकारी से उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता मिली है। भविष्य में वे इन योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी जिंदगी को बेहतर बना पाएँगी। ग्रामीणों ने मांग की कि ऐसे कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित होते रहने चाहिए, ताकि समाज में जागरूकता का दायरा और विस्तृत हो सके।

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