मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को हाई कोर्ट से झटका, अंतरिम राहत समाप्त, अब निचली अदालत में देनी होगी व्यक्तिगत उपस्थिति

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Eksandeshlive Desk

रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड उच्च न्यायालय से मंगलवार को बड़ा झटका लगा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन का पालन नहीं करने से संबंधित मामले में उच्च अदालत में पहले दी गई अंतरिम राहत को समाप्त कर दिया है। इसके साथ ही अब उन्हें रांची स्थित एमपी-एमएलए की विशेष अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना होगा। झारखंड उच्च न्यायालय के जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की अदालत में हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने समय देने और अंतरिम राहत बढ़ाने का आग्रह किया था। अदालत ने दोनों अनुरोधों को अस्वीकार करते हुए 4 दिसंबर 2024 को जारी अंतरिम आदेश वापस ले लिया। इसके बाद निचली अदालत को ट्रायल प्रक्रिया आगे बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। निचली अदालत में इस मामले की अगली सुनवाई 28 नवंबर को तय है।

दरअसल, प्रवर्तन निद्शलय (ईडी) का आरोप है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एजेंसी की ओर से जारी समन की अवहेलना की। इस संबंध में ईडी ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर रांची की एमपी-एमएलए विशेष अदालत में मामला लंबित है। सुनवाई के दौरान निचली अदालत ने मुख्यमंत्री को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया था। इसके विरुद्ध सोरेन ने व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट (सीआरपीसी की धारा 205) की याचिका लगाई थी, जिसे निचली अदालत ने खारिज कर दिया था। इसके बाद मुख्यमंत्री ने इस आदेश को झारखंड उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने उस समय निचली अदालत की ओर से जारी व्यक्तिगत उपस्थिति के निर्देश पर रोक लगा दी थी। अब वही राहत समाप्त कर दी गई है। ईडी की ओर से इस मामले में अधिवक्ता अमित कुमार दास पैरवी कर रहे हैं।

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