Eksandeshlive Desk
रांची : झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के आठवें दिन गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान गढ़वा से भाजपा विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी ने विधवा, दिव्यांग, रसोईयां और स्वास्थ्य सहियाओं को भी मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना का लाभ देने की मांग उठाई। मामले पर जवाब देते हुए मंत्री चमरा लिंडा ने कहा कि मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना का उद्देश्य पीढ़ी दर पीढ़ी सुधार लाना है और इसकी विधवा या वृद्धा पेंशन से तुलना नहीं की जा सकती। उन्होंने बताया कि इस योजना के माध्यम से कुपोषण की रोकथाम, बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार तथा पलायन पर नियंत्रण संभव हो रहा है।
मंईयां सम्मान योजना के पैसे से कुपोषण को रोका जा सकेगा : चमरा लिंडा ने उदाहरण देते हुए कहा कि आदिवासियों में कुपोषणा का मामला अधिक है। मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के पैसे से मां और बच्चे दोनों के कुपोषण को रोका जा सकेगा। वहीं स्वास्थ्य पर बात करते हुए कहा कि मां के पास पैसा होगा तो वो अपने बच्चों का इलाज करा पायेगी। एजुकेशन पर बोलते हुए मंत्री ने कहा कि अगर एक मां अपने बच्चे को पढ़ाना चाहती है तो यह तभी संभव है, जब उसके पास पैसा होगा। चमरा लिंडा ने कहा कि मंईयां योजना के पैसे से पीढ़ी दर पीढ़ी को बेहतर करने वाली योजना है। इस योजना से राज्य में व्यापक परिवर्तन आयेगा। आने वाले कल में झारखंड से गरीबी, कुपोषण और स्वास्थ्य बेतहर होगा। विधवा या वृद्धा पेंशन एकल योजना है, लेकिन मंईयां सम्मान योजना का पैसा पूरे समाज के लिए है। एक महिला अगर बेहतर होगी तो पूरा समाज बेहतर होगा, लेकिन एक पुरुष बेहतर होता तो सिर्फ उसका घर बेहतर होता है।
रसोईयां और स्वास्थ्य सहियाओं के साथ भेदभाव का आरोप : भाजपा विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी ने सदन में सवाल उठाया कि रसोईयां और स्वास्थ्य सहियाओं को कम, जबकि बिना काम करने वाली महिलाओं को अधिक लाभ क्यों दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस असमानता के कारण महिलाओं में विवाद उत्पन्न हो रहा है। भाजपा विधायक के सवालों का समर्थन करते हुए सत्ता पक्ष के कांग्रेस विधायक रामेश्वर उरांव ने भी अपनी ही सरकार से जवाब मांगा। उन्होंने कहा कि सैलरी काम के आधार पर और पेंशन प्रोत्साहन के लिए दी जाती है, लेकिन मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना में बिना काम करने वाली महिलाओं को 2500 रुपये और काम करने वाली महिलाओं को कम राशि मिलना अनुचित है। उन्होंने सरकार से इस नीति पर पुनर्विचार करने की मांग की।
झारखंड विधानसभा में भाजपा विधायकों का हंगामा : झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के आठवें दिन गुरुवार को भाजपा विधायकों ने दिव्यांग पेंशन बढ़ाने की मांग को लेकर वेल में पहुंचकर हंगामा किया। विधायक जोरदार नारेबाजी करने लगे, जिससे सदन की कार्यवाही बाधित हुई। स्पीकर ने विधायकों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। स्पीकर ने भाजपा विधायकों से कहा कि आप सदन को बाधित भी करेंगे और प्रश्न का उत्तर भी लेंगे। चित भी आपका, पट भी आपका-ऐसा नहीं हो सकता। इसके बाद भाजपा विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के आठवें दिन गुरुवार को सदन की कार्यवाही सुबह 11:07 बजे शुरू हुई। सत्र के दौरान विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी ने ‘मंईयां योजना’ की तर्ज पर सहिया और रसोईया को 2500 रुपये मानदेय देने की मांग उठाई।