Eksandeshlive Desk
नई दिल्ली : ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पदाधिकारियों की एक विशेष ऑनलाइन बैठक में भारत और पाकिस्तान के बीच उत्पन्न तनाव के हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया। प्रस्ताव में कहा गया कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भारत-पाक सीमा पर बढ़ते तनाव को बड़ी चिंता की नजर से देखता है। वह राष्ट्र और उसके लोगों की रक्षा और सुरक्षा के लिए उठाए गए हर आवश्यक कदम का समर्थन करता है और इस बात पर जोर देता है कि इस महत्वपूर्ण समय में जनता, राजनीतिक दलों, सशस्त्र बलों और सरकार को इन खतरों का सामना करने के लिए एक साथ आना चाहिए।
आतंकवाद और निर्दोष नागरिकों की हत्या एक गंभीर चिंता का विषय है। इस्लामी शिक्षाओं, विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त सिद्धांतों और मानवीय मूल्यों में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है। इसलिए देशों को द्विपक्षीय संवाद और विचार-विमर्श के जरिए अपने मामलों को सुलझाना चाहिए। यह भी एक तथ्य है कि युद्ध किसी भी मुद्दे का समाधान नहीं है। विशेषकर परमाणु हथियारों की मौजूदगी में, भारत और पाकिस्तान युद्ध बर्दाश्त नहीं कर सकते। ऐसा संघर्ष दोनों देशों के लोगों को दुर्गम कठिनाइयों और पीड़ा में डाल सकता है। इसलिए, सभी मुद्दों को बातचीत और अन्य राजनयिक तरीकों से हल किया जाना चाहिए। इसके साथ ही कहा गया कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड हमेशा की तरह अपना वक्फ बचाओ अभियान जारी रखेगा। हालांकि मौजूदा हालात के मद्देनजर इसकी जनसभाएं और कार्यक्रम अगले एक सप्ताह (16 मई तक) के लिए स्थगित किए जा रहे हैं। इनडोर कार्यक्रम जैसे साथी नागरिकों के साथ गोलमेज बैठकें, अंतरधार्मिक संवाद, मस्जिदों में उपदेश, जिला मजिस्ट्रेटों और कलेक्टरों के माध्यम से ज्ञापन प्रस्तुत करना और प्रेस कॉन्फ्रेंस, निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जारी रहेंगे।
बोर्ड को उम्मीद है कि मौजूदा गंभीर स्थिति जल्द ही सुलझ जाएगी और सामान्य स्थिति लौट आएगी। इस पर हस्ताक्षर करने बालों में बोर्ड अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी, बोर्ड उपाध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी, इंजीनियर सआदतुल्लाह हुसैनी, मौलाना मोहम्मद मोहसिन तकवी, मौलाना ओबैदुल्लाह खान आज़मी, मौलाना असगर अली इमाम मेहदी सलाफी, बोर्ड महासचिव फजलुर रहीम मुजद्दिदी, बोर्ड सचिव सैयद बिलाल अब्दुल हसनी, डॉ. यासीन अली उस्मानी बदायूनी आदि के नाम शामिल हैं।