Kali Das Pandey
पिछले सात वर्षों से पेशेवर रूप से डीजे के रूप में सक्रिय चाहत इन दिनों सुर्खियों में हैं। 22 वर्षीय चाहत देश की सबसे कम उम्र की लेडी डीजे बनकर अन्य महिलाओं के लिए एक नई मिसाल कायम कर चुकी हैं। डीजे चाहत, म्यूजिक मिक्सिंग, प्लेलिस्ट निर्माण, डीजे मशीन के सही उपयोग और मास्टरिंग में दक्ष हैं। उन्हें बॉलीटेक, टेक्नो, पंजाबी और बॉलीवुड जैसे विभिन्न जॉनर में गीत बजाने में महारत हासिल है। एक बेहतरीन धुन तैयार करने के लिए उन्हें हजारों गाने सुनने पड़ते हैं। गानों को सुनकर उन्हें क्रमबद्ध रूप से सजाना और संगीत के माध्यम से प्रस्तुत करना होता है। किसी एक ट्रैक को बजाने से पहले तीन से चार घंटे की कड़ी मेहनत करनी होती है, तब जाकर एक अच्छी परफॉर्मेंस तैयार होती है।
एक बेहतरीन धुन तैयार करने के लिए सभी इंस्ट्रूमेंट्स, बीट्स और डीजे मशीन पर विशेष ध्यान देना होता है। अनुभव से ही इस क्षेत्र में कौशल में निखार आता है और डीजे चाहत इस दिशा में अनुभवी हैं। इसके अतिरिक्त वह गिटार और दरबुका जैसे वाद्ययंत्रों को भी बेहतरीन ढंग से बजा लेती हैं। उनकी गायन शैली भी सराहनीय है। योग, जिम और संगीत सुनना उनके प्रमुख शौक हैं। वह देश और विदेशों में बतौर डीजे परफ़ॉर्मेंस करती रहती हैं। यह कार्य उनके दिल के अत्यंत करीब है। वे पार्टी, क्लब, होटल, विवाह एवं अन्य कार्यक्रमों में डीजे का कार्य करती हैं। चाहत बताती हैं कि डीजे बनना आसान नहीं है। एक दक्ष डीजे का कार्य केवल लोगों का मनोरंजन करना नहीं होता, बल्कि उनकी भावनाओं को भी समझना पड़ता है। उदाहरण के तौर पर यदि कोई भावनात्मक और धीमा गीत चल रहा हो और दर्शक भावुक हो जाएं, तो उसी भाव-तरंग के अनुसार अगले गानों का चयन करना आवश्यक होता है। आप तुरंत कोई रॉक सॉन्ग या मस्ती भरा गीत नहीं बजा सकते। यदि कोई मस्ती वाला गीत चल रहा हो, तो एकदम से अलग जॉनर का गाना बजाना उपयुक्त नहीं होता। चूंकि यह लाइव परफ़ॉर्मेंस होता है, इसलिए आपकी छोटी सी गलती भी दर्शकों के असंतोष का कारण बन सकती है। इसलिए इस क्षेत्र में अच्छी समझदारी और बुद्धिमत्ता का प्रदर्शन आवश्यक होता है। डीजे इंडस्ट्री में भी ग्लैमर का प्रभाव काफी अधिक होता है।
डीजे चाहत अपनी संघर्ष यात्रा की विस्तृत चर्चा करते हुए कहती हैं कि वह एक प्रोफेशनल डीजे हैं और उन्होंने डीजे की बाकायदा पढ़ाई की है तथा इस क्षेत्र में डिप्लोमा भी प्राप्त किया है। उनका मानना है कि अपने सपनों को कभी नहीं छोड़ना चाहिए, बल्कि उन्हें पूरा करने की दिशा में निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। उनके अनुसार, “काम ऐसा होना चाहिए जिससे जीवन बोझ न लगे, बल्कि आनंद मिले। अपने कौशल और प्रतिभा को लगातार बढ़ाएं, और अपने सपनों को साकार करें। आज का समय बदल चुका है, किसी एक नौकरी में अपने अमूल्य जीवन को नष्ट न करें। यदि आपने अपने लक्ष्य को पाने के लिए मेहनत और लगन से कार्य किया, तो न केवल आप खुश रहेंगे बल्कि अपनी आर्थिक स्थिति को भी सुदृढ़ बना सकेंगे।”