आशुतोष झा
काठमांडू : नागरिक उन्मुक्ति पार्टी (नाउपा) के संरक्षक रेशम चौधरी को गिरफ्तार कर लिया गया है। चौधरी को पुलिस ने बुधवार दोपहर कार्यक्रम स्थल प्रज्ञा भवन परिसर से हिरासत में ले लिया, जब सीके राउत के नेतृत्व वाली जनमत पार्टी के साथ एकता की घोषणा होने वाली थी। सादे लिबास में सुरक्षाकर्मी प्रज्ञा भवन पहुंचे और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। काठमांडू पुलिस कॉम्प्लेक्स के एसपी अपिलराज बोहोरा ने कहा, चौधरी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने कहा कि चौधरी को दिल्लीबाजार जेल ले जाकर सौंप दिया गया। उन्होंने कहा, ‘हमने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने के लिए उन्हें गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद हम उन्हें दिल्लीबाजार ले गए और सौंप दिया।’अगस्त 2072 में टीकापुर में हुई घटना के कारण चौधरी को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। हालाँकि, 15 जून 2023 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर सरकार द्वारा दी गई माफी के आधार पर उन्हें दिल्लीबाजार जेल से रिहा कर दिया गया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट द्वारा माफी के फैसले को पलटने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। इसी तरह के एक मामले में, सुप्रीम कोर्ट की पूर्ण पीठ ने मिनाहा के राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल द्वारा योगप्रसाद ढकाल, जिन्हें रीगल के नाम से भी जाना जा जाता है, की कारावास की सज़ा को तत्काल रद्द करने का आदेश दिया। साथ ही पीठ ने रीगल को दोबारा गिरफ्तार कर जेल भेजने का भी आदेश दिया है। जनमत पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सांसद अब्दुल खान ने रेशम चौधरी की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नेपाल में मधेशियों, थारू समुदाय के लोगों तथा मुस्लिमों को अधिकारों से वंचित रखने के लिए नागरिक उन्मुक्ति पार्टी व जनमत पार्टी की एकता को विखंडित कर नेपाल की वर्तमान ओली सरकार ने तानाशाही प्रवृत्ति का परिचय दिया है। यह नेपाल के लिए एक दुर्भाग्यपूर्ण वाकया है।