नागरिक उन्मुक्ति पार्टी ने स्पीकर को पत्र सौंपकर नेपाल सरकार को दिया विश्वास मत लिया वापस

INTERNATIONAL

Ashutosh Jha

काठमांडू : नागरिक उन्मुक्ति पार्टी ने स्पीकर देवराज घिमिरे को एक पत्र सौंपकर सरकार को दिया गया विश्वास मत वापस ले लिया है। अध्यक्ष रंजीता श्रेष्ठ ने रविवार को स्पीकर से मुलाकात की और उन्हें बताया कि उन्होंने विश्वास मत वापस लेने का पत्र सौंप दिया है। श्रेष्ठ ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से मिलने का समय तय कर लिया है और आज शाम को उनसे मुलाकात करेंगी। प्रधानमंत्री ओली पुल का उद्घाटन करने के लिए हुमला गए हैं। श्रेष्ठा ने कहा कि वहां से लौटने के बाद वह उनसे मिलेंगी। संस्कृति, पर्यटन और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री अरुण चौधरी सरकार से हट गए हैं।

इसी तरह सुदूर पश्चिम सरकार बाहर हो गई है। नागरिक उन्मुक्ति पार्टी सुदूर पश्चिम, लुम्बिनी और मधेस प्रांतीय सरकारों में शामिल थीं। नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के इस निर्णय से न केवल संघीय प्रांतों को बल्कि संघीय सरकार को भी विश्वास मत हासिल करने की समस्या का सामना करना पड़ेगा। संविधान के अनुच्छेद 100, उप-धारा 2 में कहा गया है कि ‘यदि प्रधानमंत्री द्वारा प्रतिनिधित्व किया जाने वाला दल विभाजित हो जाता है या सरकार में भाग लेने वाला कोई दल अपना समर्थन वापस ले लेता है, तो प्रधानमंत्री तीस दिनों के भीतर प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करेगा।’ संविधान के एक समान प्रावधान का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 188, खंड 2 में किया गया है।