नेपाल हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर हुई 73, 12 नरकंकाल की पहचान नहीं हो पाई

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Eksandeshlive Desk

काठमांडू : नेपाल में नौ सितंबर को हुई हिंसा और आगजनी की घटनाओं में भाटभटेनी सुपरस्टोर के तीन अलग-अलग आउटलेट्स पर मिले मानव कंकाल की पहचान नहीं हो पाई है। अब तक 12 ऐसे शव हैं, जिनका सिर्फ कंकाल ही मिल पाया है। इस बीच जेन-जी आंदोलन के दौरान मरने वालों की संख्या 73 तक पहुंच गई है। पुलिस ने बताया है कि 12 कंकाल पहचान इसलिए नहीं हो पाई, क्योंकि किसी ने भी अपने रिश्तेदारों की गुमशुदगी की सूचना नहीं दी है। सरकार ने आंदोलन में मारे गए लोगों को शहीद घोषित करने और मुआवजा देने का फैसला किया है।

सभी कंकाल का डीएनए परीक्षण जरूरी : पुलिस के अनुसार, नौ सितंबर को चूचेपाटी स्थित भाटभटेनी सुपरस्टोर में सात कंकाल, 10 सितंबर को सुनसरी स्थित धरान सुपरस्टोर में चार कंकाल और उसी दिन विराटनगर स्थित आउटलेट में एक कंकाल मिला था। पुलिस के अनुसार, अगर कोई अपने किसी रिश्तेदार के लापता होने की सूचना देता है तो डीएनए परीक्षण से उसकी पहचान आसान हो जाती है। नेपाल पुलिस के केंद्रीय प्रवक्ता और डीआईजी बिनोद घिमिरे ने कहा, “सभी कंकाल का डीएनए परीक्षण जरूरी है। अगर लोग पुलिस से संपर्क कर अपने परिजनों के लापता होने का दावा करते हैं तो डीएनए परीक्षण कराया जाएगा। अभी तक इस सिलसिले में कोई भी आगे नहीं आया है।” जेन-जी आंदोलन के दूसरे दिन नौ सितंबर को भटभटेनी सुपरस्टोर की कई दुकानों में आग लगाकर लूटपाट की गई थी। इस डिपार्टमेंटल स्टोर के बयान में कहा गया है कि नष्ट की गई दुकानों की सफाई के दौरान तीन सुपरस्टोरों में मानव कंकाल मिले। कंकालों की पहचान न हो पाने पर पुलिस ने यूनिट के जरिए एक नोटिस जारी कर परिजनों से संपर्क करने को कहा है।

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