नेपाल के बीरगंज में प्रसिद्ध शक्तिपीठ गहवा माता की भव्य डोली यात्रा का समापन

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Ashutosh Jha

काठमांडू : नेपाल के सीमावर्ती नगर बीरगंज में चैत्र दशहरा की पवित्र अष्टमी तिथि के अवसर पर प्रसिद्ध शक्तिपीठ गहवा माई की दूसरी निशान सहित की डोली यात्रा भव्यता के साथ संपन्न हो गयी। इस डोली यात्रा में नेपाल के मधेश क्षेत्र के भक्तों व श्रद्धालुओं के साथ भारत के समीपवर्ती रक्सौल के हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। रामनवमी एवं दशहरे की नवमी तिथि को गहवा माई के मंदिर परिसर में अद‌भुत महाआरती की गयी जिसमें उल्लेखनीय उपस्थिति रही। यह कार्यक्रम गह‌वामाई मन्दिर व्यवस्थापन समिति के संयोजन व सक्रियता में आयोजित किया गया।

इस समिति के अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार साह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेन्द्र प्रसाद शर्राफ, सचिव कन्हैया लाल केसरी, मूल पुजारी राधेश्याम उपाध्याय तथा मुख्य प्रबंधक शिवजी साह ने संयुक्त रूप से बताया कि डोली यात्रा की तैयारी कई महीने से हो रही थी और डोली यात्रा के कार्यक्रम को अति विशिष्ट बनाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी गयी। शनिवार को दिन में दो बजे तक गहवा माई की डोली तथा निशान की विधिवत रूप से विशेष पूजा-पाठ संपन्न की गयी। पूजा पाठ के बाद 4 बजे मंदिर के परिसर से डोली यात्रा की औपचारिक शुरुआत हुई। इस यात्रा ने वीरगंज के दो नंबर रोड, विर्ता मंदिर, अलखिया मठ, महावीर स्थान होते हुए माईस्थान चौक की परिक्रमा के बाद गह‌वामाई मंदिर में पुनः वापस आकर भव्यता के साथ समाप्त हुई थी। डोली यात्रा के विशिष्ट आकर्षण के तौर पर सहभागियों व भक्तों के लिए गहवा माता के, तस्वीर अंकित निशान का वितरण किया गया था। गहवा माता व्यवस्थापनः समिति ने प्रति निशान 350 रुपए शुल्क का निर्धारण किया था।

समिति के अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार साह के अनुसार गत वर्ष डोली यात्रा के क्रम में 650 निशान वितरण हुआ था जबकि इस वर्ष और अधिक उत्साह तथा भागीदारी रही। निशान प्राप्त करने के लिए भक्तों व श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखा गया। सम्मिलित भक्तों के अनुसार इस डोली यात्रा को माता के आशीर्वाद के रूप में उन्होंने ग्रहण किया। डोली यात्रा के साथ संध्या काल में हिन्दू परिषद, नेपाल के अध्यक्ष संजय शर्राफ के नेतृत्व में स्वयंसेवकों ने प्रसाद वितरित किया। रविवार को गहवामाई रथयात्रा समिति ने मंदिर परिसर में अभूतपूर्व महाआरती का आयोजन किया जिसमें भी हजारों नर-नारियों ने हिस्सा लिया। गहवा माई रथ यात्रा समिति के एक प्रमुख अग्रणी कार्यकर्ता ने बताया है कि महाआरती देखने के लिए वीरगंज के अतिरिक्त बारा व रौतहट जिले से भी लोग आए थे। भास के सीमावर्ती शहर रक्सौल, आदापुर, छौड़ादानो तथा घोडासहन से भी सैकडों की संख्या में श्र‌द्धालु‌ओं का आगमन हुआ था।