Ashutosh Jha
काठमांडू: नेपाल के पीएम पुष्प कमल दाहाल प्रचंड 12 जुलाई को संसद में विश्वास का मत प्राप्त करेंगे। संसद की सचिवालय में प्रधानमंत्री द्वारा इस बाबत सूचना दर्ज करायी गयी है। नेकपा (एमाले) तथा नेपाली कांग्रेस द्वारा गठबंधन बना लिए जाने के कारण प्रचंड फिलहाल अल्पमत में हैं। इसके पूर्व वे नेकपा (एमाले) के समर्थन से सत्ता में आए हैं। हालांकि प्रचंड इसके पूर्व चार बार विश्वासमत प्राप्त करने में सफल रहे हैं। नेपाल के राजनीतिक पंडितों का कहना है कि प्रचंड के लिए इस बार रास्ता आसान नहीं है। नेपाल के पीएम प्रचंड को पिछली बार जोरदार ढंग से समर्थन देने वाली नेकपा (एमाले) इस बार अलग है और वर्तमान सरकार में शामिल उसके 8 मंत्रियों ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी(एमाले) ने नेपाली कांग्रेस के साथ मिलकर दूसरा गठबंधन बना लिया है।इस गठबंधन को अन्य कई दल भी समर्थन दे रहे हैं। नेकपा (एमाले) के अध्यक्ष के पी शर्मा ओली को प्रधानमंत्री बनाने के लिए नेपाली कांग्रेस राजी है। संसद में नेपाली काँग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है। नए
समझौते में यह तय हुआ है कि अगले दो वर्ष के लिए ओली पीएम बनेंगे और इसके बाद शेर बहादुर देउबा की बारी आयेगी। नेपाल के एक राजनीतिक विश्लेषक योगेन्द्र प्रसाद यादव के अनुसार 12 जुलाई को प्रचंड को विश्वासमत नहीं मिलेगा। वे मात्र आरोप-प्रत्यारोप के लिए यह सब ड्रामा कर रहे हैं। बहुमत वे खो चुके हैं तथा अल्पमत में हैं।