Ashutosh Jha
काठमांडू : नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के विरोध में मंगलवार को काठमांडू में एक साथ 5 अलग-अलग विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इनमें राजशाही के पक्ष में सभा से लेकर शिक्षक, चिकित्सक, सहकारी पीड़ित और गणतंत्र पक्षधरों के प्रदर्शन चल रहे हैं। ओली सरकार के खिलाफ धीरे-धीरे विरोध प्रदर्शन का सिलसिला बढ़ता जा रहा है। राजशाही के पक्ष में आंदोलन कर रहे राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी ने मंगलवार को काठमांडू के बल्खू में विरोध सभा रखी है। पार्टी की प्रवक्ता खुशबू ओली ने बताया कि अपने नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में सरकार के खिलाफ यह प्रदर्शन किया जा रहा है।
इसी तरह काठमांडू में पिछले एक हफ्ते से चल रहा शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन भी जारी है। देशभर के शिक्षकों के संगठन नेपाल शिक्षक महासंघ के आह्वान पर यह प्रदर्शन चल रहा है। देशभर के हजारों शिक्षक इस प्रदर्शन में शामिल हैं। महासंघ के अध्यक्ष लक्ष्मी किशोर सुवेदी ने कहा कि जब तक नई शिक्षा नीति नहीं लाई जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। मंगलवार से ही ओली सरकार के खिलाफ देशभर के आवासीय चिकित्सकों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है। मासिक वेतन नहीं मिलने से नाराज पीजी के चिकित्सक आज से अस्पताल छोड़ कर सड़कों पर उतर गए हैं। सरकार ने सभी रेजिडेंट डॉक्टरों को 65 हजार रुपये मासिक वेतन देने का निर्णय लिया है, लेकिन निजी मेडिकल कॉलेजों ने यह वेतन देने से इनकार कर दिया है। इसी के विरोध में आज से आवासीय चिकित्सकों ने हड़ताल की है।
इसी तरह सहकारी बैंकों में हुए घोटाले के कारण उसमें पैसा जमा करने वाले पीड़ित व्यक्तियों का भी प्रदर्शन चल रहा है। सहकारी बैंकों में जमा अपने पैसे को वापस दिलाने की मांग करते हुए पीड़ितों ने आंदोलन शुरू किया है। काठमांडू में राजशाही के विरोध में भी प्रदर्शन हो रहा है। राष्ट्रीय जनमोर्चा के अध्यक्ष चित्र बहादुर केसी के नेतृत्व में गणतंत्र के समर्थन में प्रदर्शन किया जा रहा है। के सी ने बताया कि वर्तमान सरकार जानबूझ कर राजशाही के पक्ष में आंदोलन को बढ़ावा दे रही है, इसलिए सरकार को खबरदार करने के लिए यह प्रदर्शन हो रहा है।