Ashutosh Jha
काठमांडू : नेपाल को संवैधानिक तौर पर हिंदू राष्ट्र का दर्जा समाप्त कर धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित कराने के पीछे व्यापक रूप में अमेरिकी फंडिंग किए जाने की बात राष्ट्रीय समता पार्टी नेपाल के महासचिव डॉ. अभिषेक तिवारी ने टेलीफोनिक साक्षात्कार के जरिए बतायी। उन्होंने नेपाल के हिंदू राष्ट्र के स्वरूप को खत्म करने और धर्मांतरण के लिए करोड़ों डॉलर की अमेरिकी फंडिंग होने का दावा किया है।
नेपाल के संवैधानिक हिंदू राष्ट्र के दर्जे को समाप्त कर धर्मनिरपेक्ष देश घोषित करने और धर्मांतरण के लिए अब तक करोड़ों अमेरिकी डॉलर खर्च किए जाने का आरोप राष्ट्रिय समता पार्टी नेपाल ने लगाया है। उन्होंने इस मामले की जांच के लिए यथाशीघ्र उच्च स्तरीय जांच समिति गठन करने की मांग की है। नेपाल और भारत के सदनों में यह मामला उठ चुका है। अमेरिकी फंडिंग का पैसा किन किन नेताओं को मिला, इसकी सच्चाई देश और दुनिया के सामने आनी ही चाहिए। नेपाल में हुए जनांदोलन में कभी भी हिंदू राष्ट्र को समाप्त कर धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित करने की मांग नहीं उठी थी। नेपाल में अंतरिम संविधान की घोषणा से पहले धर्मनिरपेक्षता के विषय में सर्वपक्षीय विचार विमर्श नहीं किया गया था और ना ही आम नेपाली जनता से इसके विषय पर राय ली गई थी। ये तो केवल कुछ प्रमुख दलों के दर्जन भर नेताओं ने अंतरिम संविधान की घोषणा की थी, जिसमें उन लोगों ने अपनी व्यक्तिगत स्वार्थ सिद्ध करने के लिए नेपाल को अप्रत्याशित रुप में रातों रात धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित कर दिया था,डा. तिवारी ने ऐसा आरोप लगाया है।
नेपाल सरकार से शीघ्र इसकी न्यायिक जांच कराकर दोषियों को कडी सजा देने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि नेपाल की पहचान विश्व के एकमात्र हिंदू राष्ट्र के रूप में रही है, इसलिए धर्मनिरपेक्षता को खारिज कर पुनः नेपाल को वैदिक सनातन हिंदू राष्ट्र के रुप में घोषणा करने के लिए राष्ट्रिय समता पार्टी नेपाल के महासचिव डॉ. अभिषेक तिवारी ने अपील की है।