नेपाल की सरकार हजारों आंदोलनकारियों की आवाज द‌बाने के लिए दुष्प्रयास कर रही: राजू महत

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आशुतोष झा

काठमांडू : नेपाल को वैदिक सनातन धार्मिक राष्ट्र बनाने, प्रत्यक्ष जननिर्वाचित राष्ट्र प्रमुख की व्यवस्था लागू करने, स्वास्थ्य व शिक्षा निशुल्क, बैंकिंग ब्याज दर सात प्रतिशत कायम करने, नेपाल में ही रोजगार की गारंटी करने आदि 18 सूत्रीय मांगों को लेकर व्यापक आंदोलन तथा आमरण अनशन का कार्यक्रम प्रारंभ कर दिया गया है। यह आंदोलन राष्ट्र‌वादी केन्द्र, नेपाल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चन्द्र‌ बहादुर थापा (सागर) तथा वैदिक सनातन धार्मिक महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवराज सुवेदी (द्रोण) के नेतृत्व में काठमांडू के कलंकी में प्ररंग है। राष्ट्र‌वादी केन्द्र, नेपाल ने 13 समान विचारधारा वाले दलों के साथ मिलकर राष्ट्रीय संघर्ष समिति का निर्माण किया है जो इस आन्दोलन को चला रही है। संघर्ष समिति के प्रमुख नेता राजू महत ने बताया है कि नेपाल की सरकार हजारों आंदोलनकारियों की आवाज द‌बाने के लिए दुष्प्रयास कर रही है तथा रिले अनशन व आमरण अनशन के बाद भी इसे दरकिनार कर रही है। वैदिक सनातन धार्मिक महासंघ के अध्यक्ष देवराज सुवेदी (द्रोण) ने बातचीत में कहा कि जब तक उनकी संपूर्ण मांग पूरी नहीं होती तब तक आन्दोलनात्मक कार्यक्रम चलते रहेंगे। संघर्ष समिति के प्रमुख नेता महत के अनुसार गुरुवार से नेपाल के तेइस जिलों में भी अनशन प्रारंभ हो गया है। काठमांडू के अलग-अलग दो दर्जन से भी अधिक प्रमुख स्थानों पर भी अनशन का कार्यक्रम जारी है।

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