नेपाल में एक करोड़ से ज्यादा मधेश आबादी बदहाल जीवन जीने को मजबूर

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Eksandeshlive Desk
काठमांडू : नेपाल के मधेश संभाग की एक करोड़ से अधिक की आबादी अपनी बदहाली पर आठ-आठ आँसू बहा रही है। मधेश की दुरावस्था के खिलाफ लंबे अर्से से संघर्ष करती आ रही मधेशी जनाअधिकार फोरम मधेश के राष्ट्रीय अध्यक्ष भाग्यनाथ प्रसाद गुप्ता ने एक बातचीत में बताया कि उनकी पार्टी का समग्र मधेश एक स्वायत्त प्रदेश, आत्म निर्णय का अधिकार, पूर्ण समानुपातिक निर्वाचन प्रणाली, समान जनसंख्या के आधार पर भाषिक, भौगोलिक एकरूपता के निर्वाचन क्षेत्रों के गठन, क्षेत्रीय भाषा व संस्कृति की वैधानिक प्रत्याभूति, सरकारी- अर्ध सरकारी निकायों में मधेशियों के समानुपातिक प्रवेश के अवसर की मांग लंबे समय से करती आ रही है किन्तु नेपाल सरकार की कान पर जूं अभी तक न रेंग पाई है। मधेश में हुए तीन व्यापक आंदोलन के समय सरकार ने जिन मांगों को पूरा करने का वादा किया था। अब तक वह छलावा ही सिद्ध हुए हैं। श्री गुप्ता का दावा है कि वोट के लिए मधेश के लिए मर-मिटने का संकल्प व्यक्त कर मधेशियों का एकमुश्त मत प्राप्त करनेवाली नामचीन पार्टियां संसद तथा सरकार में पहुंच कर गिरगिट की तरह रंग बदल लेती हैं। मधेशी जनाअधिकार फोरम मधेश के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जयकरण प्रसाद यादव व कोषाध्यक्ष मोहन यादव ने कहा कि मधेश की जनता अब ज्यादा दिनों तक सरकार के इस कुचक्र को नही बर्दाश्त करेगी। भाग्यनाथ प्रसाद गुप्ता ने कहा है कि जब तक बाइस जिलों को शामिल कर समग्र मधेश का निर्माण नही होता तब तक उनकी पार्टी चैन की सांस नही लेगी। सरकार को अपना रवैया बदलना ही होगा।