नेपाल में पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र विक्रम शाह की वापसी का पुरजोर माहौल, गणतन्त्रवादियों की नींद हराम, जनता सड़क पर आर-पार की मुद्रा में

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Ashutosh Jha

काठमांडू : नेपाल में पूर्व राजा ज्ञानेंद्र विक्रम शाहदेव की बल्ले-बल्ले होते दिख रही है। हजारों राजा के समर्थकों ने नेपाल की भ्रष्ट गणतंत्रात्मक व्यवस्था से ऊबकर स्वस्फूर्त रूप से राजतंत्र और हिन्दू राष्ट्र की पुनर्बहाली के लिए हर हद पार करने की ठानी है। पिछले एक हफ्ते से राजा के समर्थक नित्य काठमांडू में आंदोलन और प्रदर्शन कर रहे हैं। नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र विक्रम शाह ने गत दिनों जनता के नाम एक संदेश दिया था जिसमे उन्होंने देश से अराजकता को समूल मिटाने के लिए अब अपनी कमर कस लेने की बात की थी। उन्होंने नेपालवासियों से भ्रष्ट गणतंत्र और यहां के राजनीतिक दलों के नेताओं की करतूतों के विरुद्ध जनता से एकजुट होने की अपील की थी। उनकी इस अपील का व्यापक प्रभाव हुआ और जब वे पोखरा से काठमांडू पहुंचे तो राजशाही समर्थक राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी, आरपीपी नेपाल सहित हजारों से भी अधिक राजावादी संघ-संस्थाओं से आबद्ध लोगो ने त्रिभुवन एयरपोर्ट के बाहर राजा ज्ञानेन्द्र विक्रम शाहदेव का भव्य स्वागत किया।

विश्व हिन्दू महासंघ की अन्तरराष्ट्रीय अध्यक्ष अस्मिता भंडारी का कहना है कि नेपाल में गणतंत्रवादी बौखला गए हैं और अपना मानसिक दिवालियापन प्रस्तुत किया है। भंडारी ने दो टूक शब्दों में कहा कि जिस राजसंस्था को 2008 में विदेशी शक्तियों के नंगे नाच और कुचक्र से पलटा गया था उसे नेपाल की करोडों जनता हर हाल में शीघ्र सम्मानपूर्वक लाएगी। भंडारी ने बताया है कि सभी राजशाही से जुड़े समूह एकबद्ध होकर आंदोलन शीघ्र ही प्रारंभ करेंगे। उन्होंने चुनौती दी कि भ्रष्ट नेताओं की सरकार करोडों जनता का अविरल प्रवाह रोक नहीं पाएगी और यहां की जनता राजसंस्था के हाथ में सत्ता की बागडोर सौंप देगी। दूसरी ओर आरपीपी नेपाल के केन्द्रीय उपाध्यक्ष धीरेन्द्र झा मैथिल ने कहा है कि राजा ज्ञानेन्द्र को सत्ता सौंपने के अभियान में नेपाल के मधेश प्रांत से हजारों मधेशियों का बड़ा समूह शीघ्र ही काठमांडू पहुंचेगा। नेपाल विद्वत परिषद के केन्द्रीय उपाध्यक्ष व मध्यमांचल संयोजक नरेशराज गिरि ने दूरभाष पर बीरगंज से बताया है कि मधेश के लोग भी अब जग गए हैं और यहां भी राजा की वापसी के लिए दबावमूलक कार्यक्रम शीघ्र ही प्रारंभ किए जा रहे हैं। नेपाल विद्वत परिषद के बीरगंज महानगर के अध्यक्ष पुरुषोत्तम सिंह के अनुसार राजा को शासन सौंपने को नेपाल की जनता आतुर है। बीरगंज के एक राजशाही समर्थक व्यापारी आद्‌यानंद प्रसाद कलवार का कहना है कि राजा को नेपाल की बागडोर सौंपे बिना नेपाल के वजूद की बात बेमानी है।