नेपाल में पूर्व राजा नजरबंद, समर्थक बड़े नेताओं की गिरफ्तारी, ज्ञानेन्द्र वीर विक्रम शाह के खिलाफ मुकदमा चलाने की तैयारी

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Eksandeshlive Desk

काठमांडू : नेपाल में पूर्व राजा समर्थक प्रदर्शनकारियों, बड़े नेताओं की गिरफ्तारी हो रही है। राजा समर्थक मानी जाने वाली राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तथा महामंत्री को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ ही पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र वीर विक्रम शाह को उनके निर्मल निवास में ही नजरबंद कर लिया गया है। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प, आगजनी की दर्जनों घटनाएं, पत्रकार को जिंदा जलाए जाने की वारदात के बाद पहले गृह मंत्रालय और फिर बाद में प्रधानमंत्री ने शुक्रवार की देर रात को कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई। शुक्रवार की देर रात को प्रधानमंत्री केपी ओली की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में चारों सुरक्षा अंग नेपाली सेना, नेपाल पुलिस, सशस्त्र प्रहरी बल और खुफिया विभाग के प्रमुखों को भी बुलाया गया। इस दौैरान मौजूदा परिस्थितियों और उनसे निपटने के बारे में विचार किया गया। बैठक के बाद सरकार के प्रवक्ता पृथ्वी सुब्बा गुरूंग ने कहा कि तोड़फोड़, आगजनी, लूटपाट और पत्रकार को जिंदा जलाने की घटना अमानवीय है। इसको किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जा सकता। आयोजकों को इसका मुख्य जिम्मेदार मानते हुए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया गया है।

संपूर्ण घटना के लिए आयोजक जिम्मेदार : गृह मंत्रालय के प्रवक्ता छवि रिजाल ने कहा है कि इस संपूर्ण घटना के लिए आयोजक जिम्मेदार हैं। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे सभी बड़े नेताओं की गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया। इसके बाद राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के महामंत्री और सांसद धवल शमशेर राणा, पार्टी के उपाध्यक्ष रवीन्द्र मिश्र, संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक नवराज सुवेदी और प्रवक्ता स्वागत नेपाल सहित 50 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पूरे काठमांडू में पुलिस द्वारा सर्च ऑपरेशन चला कर आंदोलन में शामिल नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया जा रहा है। काठमांडू पुलिस प्रमुख एसएसपी विश्व अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के बड़े नेताओं और तोड़फोड़ आगजनी में जिन लोगों की पहचान हुई है, उनकी गिरफ्तारी की गई है। राजशाही की वापसी के लिए गठित संयुक्त जनसंघर्ष समिति के कमांडर बनाए गए दुर्गा प्रसाई की गिरफ्तारी का वारंट जारी हो गया है, लेकिन कई स्थानों पर छापा मारने के बाद भी उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।

निर्मल निवास को हथियारबंद जवानों और नेपाली सेना ने घेरा : पुलिस का आरोप है कि दुर्गा ने खुद ड्राइविंग करते हुए पुलिस की घेराबंदी के ऊपर ही गाड़ी को चला दिया था जिसके कारण भीड़ उग्र हुई। इस घटना का वीडियो खुद दुर्गा प्रसाई की टीम द्वारा सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया है। प्रदर्शनकारियों को उकसाने, तोड़फोड़ तथा आगजनी के लिए निर्देश देने के आरोप में दुर्गा प्रसाई के खिलाफ फौजदारी मुकदमा चलाया जाएगा। इसी बीच खबर मिली है कि सरकार के निर्देशन पर पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र के निर्मल निवास को हथियारबंद जवानों और नेपाली सेना के द्वारा घेराबंदी कर लिया गया है। पुलिस के बड़े अधिकारी के मुताबिक उनको नजरबंद किया गया है। पूर्व राजा और उनके परिवार के अन्य सदस्यों को निर्मल निवास से बाहर निकलने और बाहर के किसी व्यक्ति को अन्दर आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हालांकि पूर्व राजा की हैसियत से ज्ञानेन्द्र शाह को अभी भी नेपाली सेना की वीवीआईपी सुरक्षा प्रदान की गई है। उधर सूत्रों का दावा है कि नेपाल सरकार राजशाही के पक्ष में हो रहे प्रदर्शनों और शुक्रवार को हुई घटना के लिए ज्ञानेन्द्र शाह को भी मुख्य जिम्मेदार मान रही है। उनके खिलाफ मुकदमा चलाए जाने की तैयारी सरकार के तरफ से की गई है।

काठमांडू में प्रदर्शनकारियों का तीन पार्टी मुख्यालय पर हमला : राजधानी में राजसंस्था की पुनर्स्थापना की मांग को लेकर शुक्रवार को हुए प्रदर्शन के दौरान भीड़ द्वारा तीन राजनीतिक दलों के मुख्यालय पर भी हमला किया गया। इनमें से एक दल के मुख्यालय में आगजनी भी की गई, जबकि समय पर सुरक्षाबलों के आ जाने से दो पार्टी मुख्यालय में आगजनी से बचाया जा सका। काठमांडू जिला प्रशासन के तरफ से कर्फ्यू आदेश जारी होने के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने कुछ घंटों तक जमकर बवाल काटा। प्रदर्शनस्थल से वापस हो रहे राजशाही समर्थकों ने रास्ते में कई भवनों पर पथराव करने, आगजनी करने और वाहनों को फूंकने का काम किया। इसी क्रम में उन्होंने राजनीतिक दल के दफ्तरों को भी निशाना बनाया। पुलिस द्वारा बल प्रयोग किए जाने से नाराज उग्र भीड़ ने पहले तो एकीकृत समाजवादी पार्टी के मुख्यालय में तोड़फोड़ करते हुए आग लगा दी। पार्टी के अध्यक्ष माधव कुमार नेपाल ने बताया कि बाहर से पथराव करने वाले प्रदर्शनकारी दफ्तर का दरवाजा तोड़ कर अंदर घुस गए और फर्नीचर के आग लगा दी। उन्होंने बताया भूतल पर रहे दफ्तर के कमरों के सभी फर्नीचर के आग लगाने के अलावा वहां रहे पार्टी के दस्तावेज, फाइल आदि के भी आगजनी कर दी।

माओवादी हेडक्वार्टर पर हमले का प्रयास विफल : इसके बाद थोड़ी दूर पर रहे माओवादी हेडक्वार्टर के तरफ भीड़ बढ़ी। वहां पथराव तो जरूर हुआ, लेकिन आगजनी का प्रयास सफल नहीं हुआ। माओवादी की प्रवक्ता पंगा भुसाल ने कहा कि पथराव के कारण पार्टी मुख्यालय के कई दरवाजे और खिड़की में लगे कांच के दरवाजे और शीशे टूट गए हैं। पार्टी ने इस घटना की निंदा की है। इसी तरह प्रधानमंत्री केपी ओली की पार्टी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी-एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी के मुख्यालय में भी आक्रमण का प्रयास किया गया, लेकिन वहां पर समय रहते भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया था। पार्टी के महासचिव शंकर पोखरेल ने कहा कि अनियंत्रित भीड़ के पार्टी दफ्तर पर आने की सूचना पहले ही मिलने के कारण किसी तरह का नुकसान नहीं हो पाया। लेकिन दूर से ही प्रदर्शनकारियों के तरफ से पार्टी मुख्यालय पर हुए पथराव के कारण करीब दर्जन भर गाड़ियों के शीशे टूट गए है।