नेपाल पत्रकार मंच का सातवां महाधिवेशन, पूर्व मंत्री राणा बोले- गणतंत्र ही है भविष्य का रास्ता

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Ashutosh Jha

काठमांडू : नेपाल पत्रकार मंच का सातवां महाधिवेशन ललितपुर में भव्य रूप से शुरू हुआ। उद्घाटन सत्र में पूर्व मंत्री एवं प्रतिनिधि सभा सदस्य उदय शमशेर राणा की प्रमुख उपस्थिति रही, जहां पत्रकारिता क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाले छह पत्रकारों को पुरस्कार प्रदान किया गया, वहीं नौ विशिष्ट व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। समारोह में विभिन्न विशिष्ट अतिथि, सहभागिता जन, तथा पत्रकारिता क्षेत्र के अनुभवी व्यक्तियों की गरिमामयी उपस्थिति रही। अपने उद्घाटन संबोधन में पूर्वमंत्री राणा ने प्रेस स्वतंत्रता और गणतंत्र की मूल भावना को रेखांकित करते हुए कहा कि नेपाल के पत्रकारों ने सच्चाई के धरातल पर सत्ता और शक्ति की वास्तविकता उजागर करते आए हैं। उन्होंने दो टूक कहा कि राजतंत्र और गणतंत्र के बीच विकल्प की चर्चा ही नहीं होनी चाहिए। गणतंत्र के भीतर जो कमजोरियां हैं, उन्हें सुधारना आवश्यक है, लेकिन उसका कोई विकल्प नहीं हो सकता। राणा ने यह भी कहा कि दक्षिण एशिया में नेपाल की मीडिया स्वतंत्रता एक उदाहरण है, जहां पत्रकार बिना डरे, जनहित के मुद्दों को सामने लाने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।

बागमती प्रदेश के युवा एवं खेलकूद मंत्री मीनकृष्ण महर्जन ने भी समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि पत्रकार मंच ने पत्रकारिता को सशक्त करने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने भरोसा जताया कि आने वाला नेतृत्व भी सत्य और तथ्य के आधार पर खबरें प्रस्तुत करता हुआ जनपक्षीय पत्रकारिता को मजबूती देगा। नेपाल पत्रकार महासंघ के महासचिव रामप्रसाद दाहाल ने वर्तमान समय में पत्रकारिता के समक्ष खड़े चुनौतियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि आज पत्रकार और मीडिया संस्थानों को विभिन्न पक्षों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि जब पत्रकार आचारसंहिता का पालन करते हुए कार्य करते हैं, तब उन्हें डर और दबाव से मुक्त वातावरण मिलना चाहिए। यह माहौल लोकतंत्र के स्वास्थ्य के लिए अनिवार्य है। कार्यक्रम में पत्रकारिता में उल्लेखनीय योगदान देने वाले छह पत्रकारों को विशेष पुरस्कार दिए गए। नेपाल टेलीभिजन की उपमहाप्रबन्धक आरती चटौत को क्रियाशील पत्रकारिता पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिसमें पच्चीस हजार रूपए नकद और प्रशस्ति पत्र शामिल था। अन्नपूर्ण पोस्ट की समाचार संपादक रामकला खड्का को प्रताप स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार दिया गया, जिसकी राशि पंद्रह हजार रूपए थी। चन्द्रसूर्यवाणी डटकम के सम्पादक संतोष मिश्र को गौरीनारायण श्रेष्ठ मध्याह्न दैनिक पत्रकारिता पुरस्कार से नवाजा गया, जिसमें ग्यारह हजार एक सौ ग्यारह रूपए नकद प्रदान किए गए।

इसी तरह चेतनराज पाण्डे, घनश्याम श्रेष्ठ और टंककला तिमिल्सेना को क्रमशः नाजिर उद्दिन मियाँ स्मृति, डॉ. चुडाबहादुर श्रेष्ठ स्मृति तथा बल्लभ भण्डारी स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार प्रदान किए गए। प्रत्येक पुरस्कार में पाँच हजार एक सौ ग्यारह रूपए नकद राशि और सम्मान पत्र समावेश था। कार्यक्रम में तीन दशकों से पत्रकारिता में सक्रिय शिरोमणि दवाड़ी, महिला प्रकाशक सितादेवी श्रेष्ठ, मंच के संस्थापक महासचिव बैकुण्ठ भण्डारी, सक्रिय पत्रकार गिरिजाप्रसाद अधिकारी, गैरसरकारी संस्था महासंघ के उपमहासचिव किरण थापा, सामुदायिक रेडियो प्रसारक संघ (अकोराव) के उपाध्यक्ष नविनरसिंह नेपाली, कम्प्युटर एसोसिएशन नेपाल (क्यान) के उपाध्यक्ष चिरञ्जीवी अधिकारी और नेपाल मोबाइल वितरक संघ के अध्यक्ष रघुनाथ त्रिपाठी (गृहनाथ) को भी दोसल्ला और कदर पत्र सहित सम्मानित किया गया।

समापन के दौरान नेपाल पत्रकार मंच के अध्यक्ष युवराज विद्रोही ने निष्पक्षता और पारदर्शिता को पत्रकारिता की आत्मा बताया। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को अपनी निजी आस्थाओं से ऊपर उठकर निडर और निष्पक्ष होकर काम करना चाहिए। खबर लिखते समय किसी प्रकार का पूर्वाग्रह नहीं होना चाहिए, क्योंकि पत्रकारिता का कर्तव्य जनसत्य के पक्ष में खड़ा रहना है। उद्घाटन सत्र में बागमती प्रदेश के मंत्री मीनकृष्ण महर्जन, महासंघ के महासचिव रामप्रसाद दाहाल, केन्द्रिय सचिव बैकुण्ठराज पराजुली, एसोसिएट प्रदेश अध्यक्ष रोयल आचार्य, ललितपुर जिला अध्यक्ष रामकृष्ण रामहरि कार्की, मंच के संस्थापक अध्यक्ष योगेन्द्र प्रताप शाहीलगायत कई गणमान्य अतिथि मंचासीन रहे। कार्यक्रम का संचालन मंच के महासचिव विमल थापा ने किया, जबकि स्वागत वक्तव्य मंच के उपाध्यक्ष चन्द्रमणि भट्टराई ने प्रस्तुत किया। मंच ने जानकारी दी है कि महाधिवेशन में सत्रह सदस्यीय नई कार्यसमिति चयन की प्रक्रिया भी आगे बढ़ाई जाएगी।

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