Eksandeshlive Desk
रांची: झारखंड मे जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है भाजपा के केंद्रीय मंत्रियों और उनके मुख्यमंत्रियों द्वारा झारखंड आकर सांप्रदायिक जहर कोटेड नफरत और वैमनस्य फैलाने वाले बोल तेज होते जा रहें हैं. पिछले 23 सितंबर को चुनाव आयोग की पुरी टीम ने झारखंड आकर राजनीतिक पार्टियों के साथ हुई बैठक में यह भरोसा दिलाया था कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए वह हर संभव प्रयास कर रहा है.चुनाव आयोग की टीम से मुलाकात करने वाले सीपीएम के प्रतिनिधि मंडल ने उन्हें लिखित रूप से एक ज्ञापन देकर मांग की थी कि सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने वाले सार्वजनिक वक्तव्यों पर वह संज्ञान ले. लेकिन निर्वाचन आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराए जाने का केवल ढोल पीट रहा है. क्योंकि भाजपा नेताओं के नफरती बोल पर उसने अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया है. सीपीएम का राज्य सचिवमंडल राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी समेत केंद्रीय निर्वाचन आयोग से मांग करता है कि आपत्तिजनक वक्तव्य देने वाले केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा दिए गए वक्तव्यों का पेपर क्लिप और इलेक्ट्रानिक मीडिया को दिए गए उनके बाईट के फुटेज को खंगाले और नफरती बोल के उनके वक्तव्यों पर जांच कर कानूनी कार्रवाई की जाए. यदि चुनाव आयोग इस दिशा में आगे नहीं बढता है तब उसकी विश्वसनीयता पर संदेह पैदा होना स्वाभाविक है.
