नेतन्याहू का विवादास्पद बयान- ईरान के सर्वोच्च नेता की हत्या से ‘संघर्ष खत्म होगा, बढ़ेगा नहीं’, ईरानी राष्ट्रपति बोले-, ‘हमले का जवाब देंगे’

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Eksandeshlive Desk

जेरूसलम/तेहरान/अंकारा : इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को एक बड़ा और विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने इशारा किया है कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को निशाना बनाना एक संभावित विकल्प हो सकता है और यह संघर्ष को बढ़ाने की बजाय खत्म कर देगा। यह टिप्पणी उन्होंने एक अमेरिकी न्यूज चैनल से बात करते हुए की। जब उनसे सीधा सवाल पूछा गया कि क्या खामेनेई की हत्या एक विचाराधीन विकल्प है, तो नेतन्याहू ने कहा, “हम वो कर रहे हैं जो हमें करना है।” उन्होंने आगे कहा कि यह शासन पिछले पचास वर्षों से पूरे मध्य पूर्व को आतंकित करता आया है। ईरान एक ‘हमेशा का युद्ध’ चाहता है, और हमें परमाणु युद्ध की कगार पर ला रहा है। इजराइल जो कर रहा है, वह इस आक्रामकता को रोकने और इसे खत्म करने की दिशा में है। नेतन्याहू ने कहा कि अगर ईरान के सर्वोच्च नेती हत्या से संघर्ष समाप्त होता है तो यह बेहतर विकल्प है। उन्होंने यहां तक कहा कि शायद यह एकमात्र तरीका है। बुराई की ताकतों के खिलाफ डटकर खड़ा होना ही होगा।

पेजेश्कियन ने कहा- हम युद्ध नहीं बढ़ाना चाहते, लेकिन…: ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन ने सोमवार को स्पष्ट किया कि उनका देश इजराइल के साथ युद्ध को और व्यापक नहीं बनाना चाहता, लेकिन अगर हमला हुआ तो उसका “उचित और आनुपातिक जवाब” दिया जाएगा। यह बयान उन्होंने तुर्किए के राष्ट्रपति रेचप तैय्यप एर्दोगन के साथ फोन पर बातचीत के दौरान दिया, जिसकी जानकारी ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी आईआरएनए और तुर्की की अनादोलु एजेंसी ने दी। पेजेश्कियन ने कहा, “ईरान ने यह युद्ध शुरू नहीं किया। इजराइली आक्रमण में हमारे वैज्ञानिकों, सैन्य अधिकारियों और आम नागरिकों की जान गई है। लेकिन हमले के स्तर के मुताबिक हम जरूर जवाब देंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता में ईरान की भागीदारी पूरी तरह से इस बात पर निर्भर है कि जायनिस्ट शासन (इजराइल) अपने क्षेत्रीय हमलों को रोकता है या नहीं।” इस बीच, तुर्किए के राष्ट्रपति रेचप तैय्यप एर्दोगन ने कहा कि उनका देश संघर्ष को कम करने में ‘सुविधाजनक भूमिका’ निभाने को तैयार है, और ईरान-अमेरिका परमाणु वार्ता की वापसी का समर्थन करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिम एशिया में स्थिरता तुर्किए के लिए भी अत्यंत आवश्यक है।