नगड़ी में रिम्स-2 बनने का विरोध करने वाले कोई बंगलादेशी नही: चंपई सोरेन

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Kamesh Thakur
रांची:
झारखंड विघान सभा सत्र के अंतिम दिन गुरूवार को विघान सभा से बाहर निकलने के भाजपा नेता व पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने बाद पत्रकारो से कहा कि रांची के नगडी में रिम्स-२ बनने का विरोध किसानो को द्वारा किया जा रहा है। हेमंत सोरेन की सरकार किसानो की खेती करने योग जमीन को जबरजती लेना चाहती है। इसका विरोध करने के लिए सड़क पर उतरे किसानों को यह सरकार बंगलादेशी कह कर अपना पिछा छुड़ाना चाह रही है। उन्होने कहा कि नगड़ी में रिम्स-2 बनाने का विरोध करने वाला कोई बंगलादेशी नही बल्कि वही किसान थे। जिसका सरकार जमीन अधिग्रहण करना चाह रही थी।
श्री सोरेन ने कहा कि पूरे झारखंड में वही स्थित है। जो किसान जमीन नही देना चाहता है। वहां पर जबरन अधिग्रहण हो रहा है। वह भी क्वाटर बनाने के लिए तो अगर इस तरह से होगा, तो झारखंड में जमीन नही बचेगा। खेत खलीहान खतम हो जायेंगा।
एक सवाल के जबाब में उन्होने कहा कि वर्षो का इतिहास है कि कितना बैठक कर आप भी उतना नही सुन पाइगां। एक सोच होना चाहिए जब पूरा बिहार था। उस समय कुछ योजना अलग था। जब अलग राज्य हो गया अलग राज्य किन -किन लोगों के लिए हुआ। ओर क्यो हुआ, पहले उस दिशा में सोचना होगा। तब सही योजना को लाने के लिए सोचियेगा। इस लिए सरकार को सोचना चाहिए। कोलयांचल में क्या प्रभावित हुआ,गिरिडीह में संथालपरागना का भूगोलिक स्थित पहले आपको जानना होगा। वही का आदिवासी-मूलवासी क्या परिस्थित मे जीते है उनका आर्थिक स्थिति कहा से आते हैजो भी आदिवासी- मूलवासी सभी खेती पर निर्भर करते है।
उन्होने कहा कि सता पक्ष के विघायक ही सरकार से सवाल- जबाब कर संतुष्ट नही कर पा रहे है। कुरमी महतो का जमीन है डिसीजन कर दे रहा है। जबाब भी वही है और सवाल पूछने वाला भी वही है जिसका जमीन है,वही गवाह है और किसके लिए क्वाटर बनाने के लिए इसी लिए यह सरकार अब सोचना होगा, यहां के आदिवासी-मूलवासी को इतना संघर्ष करने के बाद बिहार से अलग राज्य हुआ। यहां के आदिवासी- मूलवासी को लगा कि अलग राज्य होने के बाद खुशी से रहेंगे। लेकिन उससे भी बदसे बदतर हो गया झारखंड का। श्री चंपई सोरेन ने कहा कि यहा सरकार का कोई पहिया नही चलने वाला है। सब जाम है इस लिए हर पहिया रोक दिया है।

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