नया बाजार शेड बाजार के किनारे है वहां ग्राहक जाते हीं नहीं: इरफान अंसारी

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Amit Ranjan

जलडेगा: प्रखंड के ओडगा में सोमवार एवं बृहस्पतिवार सप्ताह में दो दिन सप्ताहिक बाजार का आयोजन होता है तथा क्षेत्र का सबसे बड़ा बाजार है। सप्ताहिक बाजार में पुराने बाजार शेड जर्जरवस्था में होने के कारण कुछ अनहोनी न हो जाए, सोचकर बाजार शेड में दुकानदार बैठते भी नहीं है तथा जर्जर हो चुके बाजार शेड की मरमति की मांग पूर्व से‌ ग्रामीणो एवं दुकानदारों द्वारा की जाती रही है परंतु पुराने बाजार शेड का मरमति नहीं कराकर नया बाजार शेड बाजार स्थल से बिल्कुल किनारे क्षेत्र में बनवा दिया गया फलस्वरूप बाजार से किनारे एवं गंदगी स्थल होने के कारण दुकानदार बैठते भी नहीं है। बाजार शेड बेकार पडा हुआ रहता है। इस सम्बन्ध में ओडगा सप्ताहिक बाजार आने वाले दुकानदारों से बातचीत की गई। इस दौरान 23 वर्षों से कपड़ा का दुकान लगाने वाले इरफान अंसारी ने कहा कि वर्तमान ओडगा बाजार में बाजार शेड जर्जरवस्था में हैं। जो नया बना वह बाजार के किनारे पर है। वहा ग्राहक जाते भी नहीं है। किनारे होने के साथ गंदगी से भरा पड़ा हुआ है। फलस्वरूप बाजार सड़क की ओर बढ़ने लगा है। जिससे बिक्री पर काफी फर्क पड़ने के साथ दुकानदारों एवं ग्राहकों को दिक्कतें होने लगा है। दुकानदार गणपत महतो ने कहा कि वे लगभग 50 वर्षों से बाजार कर रहे हैं। बाजार पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। साफ सफाई भी नहीं होती है। फलस्वरूप बाजार तहसील देना भी बंद कर दिया गया है। बाजार सड़क की ओर न जाए, इससे देखते हुए पुराने बाजार शेड की मरमति या नवनिर्माण कराया जाए। ओडगा सप्ताहिक बाजार आने वाले दुकानदार सहदेव साहु ने कहा कि सप्ताहिक बाजार स्थल साफ सुथरा हो और बाजार व्यवस्थित हो इससे न तो ग्राहकों को और न ही दुकानदारों को परेशानी होगी। जहीर मियां, सुरेश साहु ने कहा कि पहले बाजार में अच्छी व्यवस्था रहती थी। बाजार स्थल साफ सुथरा रहता था। हर प्रकार की दुकानें सजाकर लगता था। वर्तमान बाजार अव्यस्थित हो गया है। गंदगी का भरमार होने के कारण ग्राहक नये शेड तरफ नहीं आते हैं। काफी कम बिक्री हो रहा है। खरीद बिक्री पर काफी फर्क पड़ गया है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है अन्यथा आगे जाकर गर्मी एवं बरसात के दिनों में दुकानदारों की परेशानी बढ़ जाएगी।