ओली सरकार के एक निर्णय से नेपाल में राजनीतिक भूचाल, सत्ता पक्ष से लेकर विपक्षी दल तक सड़कों पर उतरे

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Eksandeshlive Desk

काठमांडू : नेपाल सरकार के एक निर्णय के कारण नेपाल की राजनीति में भूचाल आ गया है। सोमवार देर रात हुए निर्णय का सिर्फ विपक्षी दल के नेताओं ने ही नहीं बल्कि सत्ता पक्ष के नेताओं ने भी कड़ा विरोध किया है। इस समय काठमांडू की सड़कों पर सरकार विरोधी प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। सोमवार की देर रात को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार ने नेपाल विद्युत प्राधिकरण के कार्यकारी निदेशक कुलमान घीसिंग को पद से बर्खास्त करने का निर्णय किया है। बीती रात को जैसे ही यह खबर बाहर आई तत्काल सत्तारूढ़ दल नेपाली कांग्रेस के महामंत्री सहित कई बड़े नेताओं ने विरोध करना शुरू कर दिया।

प्रधानमंत्री पर असफल होने का आरोप लगाया : नेपाली कांग्रेस के दोनों महामंत्री गगन थापा और विश्वप्रकाश शर्मा ने सरकार के इस फैसले की आलोचना की है। इन दोनों ही नेताओं ने कहा कि सरकार का यह फैसला गैर जरूरी है और इससे सरकार को कोई फायदा नहीं होने वाला है। थापा और शर्मा ने सोशल मीडिया पर कहा कि प्रधानमंत्री के इस फैसले में हमारी पार्टी का कोई समर्थन नहीं है। सत्ता पक्ष के अन्य बड़े नेता शेखर कोइराला, अर्जुन नरसिंह केसी, एनपी साउद सहित कई नेताओं ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। इन नेताओं ने सरकार की आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री पर असफल होने का आरोप लगाया। सभी नेताओं ने एमाले के साथ गठबंधन पर पुनर्विचार करने की भी मांग की। सत्ता पक्ष के अलावा सभी विपक्षी दल के नेताओं ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। माओवादी अध्यक्ष प्रचण्ड, एकीकृत समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष माधव कुमार नेपाल, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के अध्यक्ष रवि लामिछाने, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के अध्यक्ष राजेन्द्र लिंगदेन और जनता समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष उपेन्द्र यादव ने बयान जारी करते हुए ओली सरकार पर एक अच्छे प्रशासक को बर्खास्त करने का आरोप लगाया है। मंगलवार को काठमांडू की सड़कों पर विपक्षी दल के साथ-साथ कुछ सत्ता पक्ष के संगठनों द्वारा सुबह से ही ऊर्जा मंत्री और प्रधानमंत्री का पुतला दहन किया जा रहा है। ऐसे ही कुछ स्थानों पर प्रधानमंत्री के विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा है। माओवादी के नेतृत्व में रहे समाजवादी मोर्चा की तरफ से काठमांडू में सरकार के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन किया जा रहा है।

ओली सरकार के साथ बढ़ते टकराव के बीच काठमांडू के मेयर की कड़ी चेतावनी : नेपाल सरकार और काठमांडू के मेयर के बीच टकराव इस कदर बढ़ गया है कि सरकार के रवैए से नाराज काठमांडू के मेयर बालेन शाह ने प्रधानमंत्री और मंत्री को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने प्रधानमंत्री केपी ओली पर जानबूझ कर उनके कर्मचारियों का वेतन रोकने का आरोप लगाने के लिए कड़े शब्दों में निंदा की है। मेयर बालेन ने मंगलवार को अपने फेसबुक पेज पर एक स्टेटस लिखते हुए प्रधानमंत्री केपी ओली के निर्देश पर महानगरपालिका में प्रशासकीय प्रमुख नहीं भेजे जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने लिखा है कि महानगरपालिका के दफ्तर में प्रशासकीय प्रमुख के नहीं रहने से उनके कर्मचारियों को पिछले तीन महीने का वेतन नहीं मिल पाया है। ओली सरकार के रवैए से आक्रोशित काठमांडू के मेयर बालेन शाह ने लिखा है कि यदि सरकार ने जल्द से जल्द महानगरपालिका को प्रशासकीय प्रमुख नहीं भेजा और उनके कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला तो कड़ा विरोध दर्ज कराएंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री ओली और उनकी पूरी सरकार पर दो तिहाई का दंभ दिखाने का भी आरोप लगाया है। फेसबुक पर कई दस्तावेज सार्वजनिक करते हुए मेयर बालेन शाह ने कहा है कि ओली के भ्रष्टाचार में साथ नहीं देने की सजा मेरे महानगरपालिका के कर्मचारियों को दी जा रही है। उन्होंने ओली सरकार को एक हफ्ते का समय देते हुए प्रशासकीय अधिकारियों की नियुक्ति एक हफ्ते के भीतर करने की मांग की है। मेयर शाह ने कहा है कि एक हफ्ते के भीतर उनके कर्मचारियों को तीन महीने का वेतन नहीं दिया गया तो वो न तो कोई आंदोलन करेंगे और ना ही अनशन पर बैठेंगे, बल्कि सरकार में बैठे एक-एक मंत्री को जिंदा गाड़ देंगे।