Eksandeshlive Desk
इस्लामाबाद/लाहौर : भारत के जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले से पाकिस्तान के शीर्ष नेतृत्व और सैन्य अफसरों की नींद उड़ी हुई है। सबके सब बंद कमरों में युद्ध तैयारियों की रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं। शीर्ष नेतृत्व ने रविवार को सशस्त्र बलों की मीडिया और जनसंपर्क शाखा ‘इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस’ (आईएसपीआर) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी को तलब कर उनसे बंद कमरे में सैन्य तैयारियों की जानकारी ली। द नेशन अखबार की खबर के अनुसार, लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने स्पष्ट किया है कि यदि पाकिस्तान पर कोई आक्रमण किया जाता है तो सशस्त्र बल उसका मुंहतोड़ जवाब देंगे। उन्होंने पहलगाम हमले के संदर्भ में विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्यों और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अताउल्लाह तरार को बंद कमरे में सैन्य तैयारियों पर ब्रीफिंग दी।
द नेशन के सूत्रों के अनुसार, बंद कमरे में वर्तमान स्थिति के मद्देनजर राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों पर चर्चा की गई। इस सत्र में जेयूआई-एफ के नूर आलम खान, सीनेटर अब्दुल शकूर और बीएपी सीनेटर अब्दुल कादिर, सिंध के मंत्री नासिर हुसैन शाह, शारजील मेमन, सईद गनी और पीएमएल-एन के मोहसिन शाहनवाज रांझा सहित बड़ी संख्या में राजनीतिक दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया। महानिदेशक चौधरी ने सभी को पाकिस्तानी सशस्त्र बलों की तैयारियों के बारे में जानकारी दी। संघीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री तरार ने राजनीतिक नेताओं को सरकार के कूटनीतिक प्रयासों और राज्य के आधिकारिक रुख के बारे में भी जानकारी दी। इस बीच, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार के साथ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन के अध्यक्ष नवाज शरीफ के साथ उनके जति उमरा स्थित आवास पर एक उच्चस्तरीय परामर्श बैठक की। बैठक में पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज शरीफ भी मौजूद रहीं। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री और उप प्रधानमंत्री ने नवाज शरीफ को पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच बढ़ते तनाव के बारे में जानकारी दी। प्रधानमंत्री शहबाज ने पीएमएल-एन नेता को मुल्क के नागरिक और सैन्य संस्थानों के माध्यम से उपलब्ध कराए गए नवीनतम सुरक्षा आकलन से अवगत कराया। इसमें सीमा पार की घटनाओं पर खुफिया रिपोर्ट भी शामिल है। इशाक डार ने कूटनीतिक संपर्क और वैश्विक समुदाय को इस्लामाबाद की स्थिति से अवगत कराने के लिए उठाए जा रहे कदमों का विवरण भी साझा किया। हालांकि इस बैठक का कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया।
प्रधानमंत्री शरीफ ने तनाव के संबंध में मलेशिया के प्रधानमंत्री दातो सेरी अनवर इब्राहिम के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। उन्होंने इब्राहिम को दक्षिण एशिया में व्याप्त तनाव पर अपनी चिंता को साझा किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस जांच में मलेशिया की भागीदारी का स्वागत करेगा। शहबाज ने कहा कि वह इस वर्ष के अंत में मलेशिया की आधिकारिक यात्रा करने के लिए उत्सुक हैं। उल्लेखनीय है कि पहलगाम हमले में 26 पर्यटकों की मौत के बाद नई दिल्ली ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने, पाकिस्तान के नागरिकों के वीजा रद्द करने और वाघा-अटारी सीमा क्रॉसिंग को बंद करने सहित संबंधों को कम करने के लिए कई दंडात्मक कदम उठाए। इस्लामाबाद ने जवाब में भारतीय राजनयिकों और सैन्य सलाहकारों को निष्कासित करने, सिख तीर्थयात्रियों को छोड़कर भारतीय नागरिकों के लिए वीजा रद्द करने और मुख्य सीमा क्रॉसिंग को बंद करने का आदेश दिया।