पाकिस्तान को भारत की सख्त चेतावनी-संघर्ष विराम तोड़ा तो देंगे तगड़ा जवाब

NATIONAL

Eksandeshlive Desk

नई दिल्ली : भारतीय सेना ने कहा है कि संघर्ष विराम का फैसला पाकिस्तान की पहल पर लिया गया है लेकिन सशस्त्र बलों का ऑपरेशन ‘सिंदूर’ अभी जारी रहेगा। आगे की रणनीति तय करने के लिए 12 मई को 12:00 बजे दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच वार्ता होगी। संघर्ष विराम का उल्लंघन रोकने के लिए भारत ने रविवार सुबह डीजीएमओ को एक और हॉटलाइन संदेश भेजा है। यदि आज रात या बाद में इन्हें दोहराया जाता है, तो हम इनका कड़ाई से जवाब देंगे। सेना प्रमुख ने पाकिस्तान के किसी भी उल्लंघन के मामले में जवाबी कार्रवाई के लिए हमारे सेना कमांडर को पूर्ण अधिकार दिए हैं।

100 आतंकी ढेर हुए, 40 पाकिस्तानी सैनिक मार गिराए : संघर्ष विराम का फैसला भले हो गया हो, लेकिन सशस्त्र बलों के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय सेनाओं को कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल हुई हैं। इस ऑपरेशन में 100 आतंकी ढेर किये गए हैं, जिनमें तीन बड़े आतंकी भी हैं। एलओसी पर गोलाबारी में करीब 40 पाकिस्तानी सैनिक मार गिराए। भारतीय वायु सेना ने हमले करके पाकिस्तान के कई एयरबेस और थल सेना प्रतिष्ठान तबाह किये। भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना के 35 से 40 अफसरों-जवानों की मौत हुई है। पाकिस्तान के हमले में भारतीय वायु सेना के किसी एयरबेस को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है, जबकि भारतीय वायु सेना के एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान के सभी हमले नाकाम किए। वायु सेना ने पाकिस्तान के 3 एयर डिफेंस सिस्टम बर्बाद किए और दो एयरबेस का रनवे तबाह किया है।

पाकिस्तान ने नागरिक आबादी वाले गांवों और गुरुद्वारों पर गोलीबारी की : तीनों सेनाओं के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (डीजीएमओ) ने रविवार को भारतीय सशस्त्र सेनाओं के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी। सेना के डीजीएमओ राजीव घई ने बताया कि पहलगाम में 22 अप्रैल को 26 निर्दोष लोगों की हत्या किये जाने के बाद आतंक के षड्यंत्रकारियों को दंडित करने और उनके आतंकी ढांचे को नष्ट करने के स्पष्ट सैन्य उद्देश्य के साथ ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा का उल्लंघन करके नागरिक आबादी वाले गांवों और गुरुद्वारों जैसे धार्मिक स्थलों पर गोलीबारी की, जिसमें हमारे नागरिक क्षेत्रों में कई लोगों की दुखद मृत्यु हुई। डीजीएमओ घई ने बताया कि ऑपरेशन ‘सिंदूर’ में सेना ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकियों और उनके ढांचे को नेस्तनाबूद करके पहलगाम आतंकी हमले का जवाब दिया है। भारतीय वायु सेना ने आतंकी शिविरों पर हमला करने में भूमिका निभाई और भारतीय नौसेना ने सटीक हथियारों के मामले में साधन उपलब्ध कराए। भारतीय वायु सेना ने चिन्हित किए गए सभी 9 आतंकी ठिकानों को सटीक निशाना साधकर उन्हें बर्बाद किया। इस ऑपरेशन में 100 आतंकी ढेर किये गए हैं, जिनमें यूसुफ़ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदासिर अहमद हैं, जो आईसी-814 के अपहरण और पुलवामा विस्फोट में शामिल थे।

वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तानी हमलों को कुशलता से विफल किया : डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि 9-10 मई की रात को पाकिस्तान ने सीमाओं के पार हमारे हवाई क्षेत्र में ड्रोन और विमान उड़ाए और कई सैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने के बड़े पैमाने पर प्रयास किए, लेकिन भारतीय वायु सेना के एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान के सभी हमले नाकाम किए। उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी सेना ने बताया है कि 7 से 10 मई के बीच नियंत्रण रेखा पर तोपखाने और छोटे हथियारों से गोलीबारी में लगभग 35 से 40 लोग मारे गए हैं। हमने भारतीय वायु सेना के साथ एक एकीकृत ग्रिड स्थापित करने के लिए वायु रक्षा और इलेक्ट्रॉनिक युद्धक परिसंपत्तियों की तैनाती जैसे कुछ उपाय भी किए। डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि हमने भूमि, समुद्र और वायु क्षेत्रों में अपने बलों की आवाजाही को शामिल करने के लिए तैनाती भी की। 9-10 मई की रात को ड्रोन और विमानों की घुसपैठ देखी गई और इस बार हवाई क्षेत्रों और कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण रसद प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने का प्रयास किया गया, लेकिन एकीकृत भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना की वायु रक्षा प्रणाली ने कुशलता से इसे विफल कर दिया।

हवाई हमले करने में अत्यधिक सावधानी बरतनी पड़ी : एयर मार्शल एके भारती ने बताया कि 8 और 9 की रात 22:30 बजे से ही हमारे शहरों पर ड्रोन, मानव रहित हवाई वाहनों का व्यापक हमला हुआ, जो श्रीनगर से शुरू होकर नलिया तक गया, लेकिन हम तैयार थे। हमारी हवाई रक्षा तैयारियों ने सुनिश्चित किया कि दुश्मन के किसी भी लक्ष्य को कोई नुकसान न पहुंचे। इसके जवाब में हमने एक बार फिर लाहौर और गुजरांवाला में सैन्य प्रतिष्ठानों, निगरानी रडार साइटों को निशाना बनाया। इसके बावजूद ड्रोन हमले सुबह तक जारी रहे, जिनका हमने जवाब दिया। यह ड्रोन हमले लाहौर के नजदीक कहीं से किए जा रहे थे। इसी बीच दुश्मन ने अपने नागरिक विमानों को भी लाहौर से उड़ान भरने की अनुमति दे दी थी, इसलिए हमें हवाई हमले करने में अत्यधिक सावधानी बरतनी पड़ी। एयर मार्शल भारती ने मुरीदके और बहावलपुर आतंकी शिविर पर मिसाइल के प्रभाव का विस्तृत वीडियो दिखाया।