पाकिस्तानी सेना के उच्चाधिकारियों के काठमांडू पहुंचने का मामला नेपाल की संसद में उठा, सरकार से बयान देने की मांग

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Ashutosh Jha

काठमांडू : पहलगाम में पर्यटकों पर आक्रमण कर 27 भारतीयों को मौत के घाट उतारने के बाद भारत के कड़े तेवर से घबराई पाकिस्तान की सेना ने चीन के समर्थन से नेपाल को साधने का कार्य तेज कर दिया है। विगत 4 मई को पाकिस्तानी सेना के उच्चाधिकारियों का 11 सदस्यीय एक दल कतर एयरवेज के विमान से काठमांडू पहुंचा। भारत सरकार के आधिकारिक सूत्रों ने इस खबर की पुष्टि करते हुए विस्तृत रूप से कोई अहम जानकारी देने से मना किया है। नेपाल की संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में निर्दलीय सांसद अमरेश कुमार सिंह ने मंगलवार को शून्यकाल में यह मामला उठाया और नेपाल सरकार के बयान की सदन में मांग की। नेपाल के रक्षा मंत्रालय या नेपाली सेना की ओर से अभी स्थिति स्पष्ट नहीं की गयी है। संशय उच्च स्तर पर बरकरार है।

बताया गया है कि नेपाल की संघीय कैबिनेट की स्वीकृति के बगैर किसी दूसरे देश का सैन्य समूह नेपाल में आ नहीं सकता। नेपाल के एक रक्षा विश्लेषक ने कहा है कि पाकिस्तानी सेना के उच्चाधिकारियों की मुलाकात नेपाली सेना के अति उच्च अधिकारियों के साथ हुई है। भारत को तबाह करने के लिए चीन के संकेत पर पाकिस्तान नेपाल की सेना को हर स्तर पर मैनेज कर रहा है। इस कार्य को आसान बनाने में नेपाल स्थित पाक दूतावास इनकी मदद कर रहा है। जानकारों का कहना है कि नेपाल को ट्रांजिट बनाकर पाकिस्तानी आतंकवादी भारत को तबाह करने के खौफनाक षडयंत्रों में जुटे है। सूचना मिली है कि नेपाल-भारत की खुली सीमा से पाकिस्तानी आतंकवादियों की भारत में घुसपैठ का मास्टर प्लान लेकर पाक सेना के उच्चाधिकारियों का समूह नेपाल में अपने पैर पसारता जा रहा है।

चीन के ग्रैंड डिजाइन में भारत को तबाह करने का खाका बन चुका है। बिहार उतर प्रदेश, प० बंगाल तथा उत्तराखंड की नेपाल-भारत सीमाओं से आतंकवादी भारत में प्रवेश कर सकते है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइसआई के नेपाल स्थित आकाओं को पाकिस्तान की ओर से बड़ी फडिंग की भी सूचना है। नेपाल के तराई क्षेत्र में अचानक रूप से हजारों की संख्या में पाकिस्तानी, पर्यटक बनकर चहलकदमी करते देखे जा रहे हैं। सूत्रों ने दावा किया है कि इस बाबत भारत सरकार को सूचना दे दी गयी है। हालाँकि अब यह देखना बाकी है कि भारत का रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय तथा अन्य संबद्ध सरकारी महकमे कितनी तीव्र गति से फौरी तौर पर बिगड़ी स्थिति को काबू में करते हैं।