पांच परगना की मिट्टी की सुगंध ने देशभर में बिखेरी अपनी पहचान : महेंद्र नाथ शाहदेव

CULTURE

तमाड़ में आयोजित पांच परगना कला सांस्कृतिक महोत्सव में मनमोहक प्रस्तुति

Eksandeshlive Desk

रांची : तमाड़ राजा बाड़ी स्थित परिसर में पांच परगना ऑल आर्टिस्ट एसोसिएशन, बिरसा प्रगतिशील समिति और पंचपरगनिया झूमर सांस्कृतिक विकास समिति की ओर से एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें पूरे पांच परगना के हर प्रखंड (राहे, सोनाहातू, सिल्ली, तमाड़, बुंडू और अड़की) के कला – सांस्कृतिक दल पूरे पारंपरिक वेश – भूषा में अपनी-अपनी मनमोहक कला का प्रस्तुति दी। मुंडारी, पंच परगनिया और कुड़माली भाषा की अदभुत संगम पांच परगना क्षेत्र में देखा जाता है, यह पूरे प्रदेश में एक मात्र ऐसा क्षेत्र है जहां तीनों भाषाओं की भाषा अलग होने के बावजूद कला और संस्कृति एक जैसा है।

सांस्कृतिक वाहकों को संरक्षित करना हमारी जिम्मेदारी : मौके पर तमाड़ के राजा और तमाड़ प्रखंड के संग्रक्षक महेंद्र नाथ शाहदेव ने कहा कि पांच परगना क्षेत्र की मिट्टी में न सिर्फ वीरता की गाथाएं रची-बसी हैं, बल्कि यहां की कला, संस्कृति और ऐतिहासिक धरोहरों ने पूरे झारखंड को देशभर में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है। उन्होंने कहा कि यहां की कलाकारी पीढ़ियों से चली आ रही है और आज भी जीवंत है। शाहदेव ने क्षेत्रीय कला दलों को हर संभव सहायता देने का भरोसा दिलाते हुए कहा कि इन सांस्कृतिक वाहकों को संरक्षित करना हमारी जिम्मेदारी है, क्योंकि यही हमारी असली पहचान हैं। इस कार्यक्रम में केंद्रीय अध्यक्ष रमन गुप्ता, उपाध्यक्ष अजय मुंडा, सचिव जगतपाल गोप, कोषाध्यक्ष संजय साहू, सक्रिय सदस्य गुरुवा लोहारा, शष्टिरंजन महतो, राजेंद्र महतो, ठाकुरदास कोइरी, बजरंग पातर, संग्रक्षक पुष्पेंद्र सिंह शाहदेव, सलाहकार रीता मुंडा, बिरसा प्रगतिशील समिति के सचिव मदन महतो, पंच परगनिया झूमर सांस्कृतिक विकास समिति के अध्यक्ष सोमवारी देवी, जगजीवन लोहारा, रामश्रृंगार मुंडा आदि मौजूद थे। इस कार्यक्रम में सहदेव, अजय, अनीता, सृष्टि आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाया। इसके अलावे पूरे पाॅंच परगना के हजारों कला प्रेमी मौजूद थे। मंच का संचालन मदन महतो, जगतपाल गोप ने किया।

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