Eksandesh Desk
लोहरदगा: बुधवार को लोहरदगा सदर प्रखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत हेंसल बसारडीह जरियो के स्थानीय निवासी लोहरदगा जिला के पूर्व विधायक एवं झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री सधनु भगत ने सदर अस्पताल लोहरदगा में अपनी अंतिम सांस लिये। भगवान का विडम्बना यह है कि झारखंड राज्य में प्रथम चरण का चुनाव 2024 विधानसभा के लोकतंत्र महापर्व विधानसभा चुनाव के दिन उनका प्राण त्याग 13 नवंबर दिन बुधवार को प्रातः 9:00 बजे आकस्मिक निधन हो गया. इनका जन्म 19 जनवरी 1946 को हुआ था. लोहरदगा जिला के सदर प्रखंड हेंसल पंचायत के स्थानीय निवासी पिता स्व झरी भगत, माता कुंवारी भगत का पुत्र सधनु भगत थे। सधनु भगत के सात भाई और दो बहन है। स्थानीय पैतृक गांव जरियो बसारडीह हेंसल में जहां आदिवासी रीति-रिवाज पराम्परा से दह संस्कार किया जाएगा।
ग्रामीणों ने कहा की सधनु भगत आदिवासियों के मसीहा थे। ग्रामीणों ने कहा कि सधनु भगत के मृत्यु से हेंसल बसारडीह से लेकर पूरा स्थानीय लोगों ने बहुत बहुत खेद है। एकीकृत बिहार में वर्ष 1995 में पहली बार लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने तथा दूसरी बार भी श्री भगत ने लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की टिकट पर जीत सुनिश्चित की और 15 नवंबर 2000 को झारखंड अलग होने के पश्चात झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री बने. व्यवहार कुशल एवं मृदुभाषी व्यक्तित्व के धनी सधनु भगत के आकस्मिक निधन से पूरा भाजपा परिवार एवं लोहरदगा के आम जनता मर्माहत है. बिरसा सेवा सदन से राजनीतिक एवं सामाजिक कैरियर से हुआ था। सधनु भगत ने बिरसा सेवा दल आदिवासी संगठन बनाया गया था। जेएमएम पार्टी के केन्द्रीय सचिव थे। जेएमएम को छोड़कर अटल बिहारी वाजपेई प्रधानमंत्री के समय में सधनु भगत को मंत्री पद मिला था । पंचायत हेंसल ग्राम प्रधान घनश्याम पहान ने बताया कि रोड़ कच्ची, कल्याण विभाग के सौजन्य से बरसाडीह ग्राम में अस्पताल बनवाये, बिजली सबसे पहले गांव में लाये। सधनु भगत झारखंड आंदोलनकारी भी थे।
सामाजिक न्याय दिलाना का कार्य करते थे, चिरी गोली कांड उदाहरण है, आठ लोग शहीद हुए थे। दो जून को शहीद दिवस के रूप में आज भी मनाया जाता है। टीको में स्थित हिलधर गिरधर एवं शहीद लोगों का समाधी स्थल को खोज निकाले थे। ऐसे ऐसे ही बड़े बड़े कार्य किये हैं। जेएमएम प्रखंड अध्यक्ष बुद्धिमान उरांव ने बताया कि मैं 2000 ई0 के आस पास वोल्टारियर के रूप में सधनु भगत के कार्यकाल में कार्य किया हुं। किये। उन्होंने ने बताया कि सधनु भगत जी 2011 में हेंसल पंचायत के तीन सीमानी पड़हा भवन हेंसल, जरियो और कुजी के संरक्षक के नाम से जाना जाता है। तीन सीमानी आदिवासियों के पड़हा व्यवस्था के संरक्षक सधनु भगत थे।