Eksandeshlive Desk
ढाका : बांग्लादेश की राजधानी ढाका में शुक्रवार को होने वाली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की स्वतंत्रता सेनानियों की रैली को स्थगित कर दिया गया है। बीएनपी ने यह घोषणा पार्टी नेता पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के अचानक बीमार पड़ने की वजह से की।
बीडीन्यूज24डॉटकॉम के अनुसार, रैली को स्थगित करने की घोषणा बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने गुरुवार को ढाका के गुलशन में बीएनपी अध्यक्ष कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में की। उन्होंने कहा कि इस वजह से खालिदा जिया ने चिकित्सा उपचार के लिए अपनी विदेश यात्रा की योजना को भी स्थगित कर दिया है। आलमगीर ने कहा कि वो बुधवार रात अचानक बीमार पड़ गईं। इसलिए डॉक्टरों की सलाह पर शनिवार की स्वतंत्रता सेनानियों की रैली स्थगित कर दी गई। रैली की घोषणा बीएनपी के राष्ट्रवादी स्वतंत्रता सेनानी दल ने की थी। यह रैली राजधानी के अगरगांव में बंगबंधु अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र पर होनी थी।
संवाददाता सम्मेलन में मौजूद खालिदा जिया के निजी चिकित्सक प्रो. एजेडएम जाहिद हुसैन ने कहा कि उनका इलाज गुलशन स्थित घर में चल रहा है। बीमारी के कारण उनकी विदेश यात्रा भी टाल दी गई है। बीडीन्यूज24डॉटकॉम के अनुसार, भ्रष्टाचार के एक मामले से जुड़े आरोपों से मुक्त होने के बाद 29 अक्टूबर को बताया गया था कि खालिदा जिया इलाज के लिए विदेश जाएंगी। उन्हें इसी महीने की शुरुआत में लंदन में अपने बेटे तारिक रहमान से मिलने जाना था। इसके लिए एक विशेष एयर एम्बुलेंस का इंतजाम किया गया था। खालिदा को सऊदी अरब उमरा करने भी जाना था।
अंतरिम सरकार ने आश्वासन दिया था कि बीएनपी प्रमुख को अपनी मेडिकल टीम के साथ विदेश में इलाज की सुविधा के लिए पूर्व प्रधानमंत्री के रूप में वह सारी सहायता मिलेगी जिसकी वह हकदार हैं। 79 वर्षीय खालिदा जिया लीवर सिरोसिस, हृदय रोग, फेफड़ों, गठिया, गुर्दे और और मधुमेह की समस्या से जूझ रही हैं। पिछले चार वर्ष में उन्हें कई बार ढाका के एवर केयर अस्पताल में लंबे समय तक इलाज कराना पड़ा।
आठ फरवरी, 2018 को बीएनपी प्रमुख को जिया अनाथालय ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में पांच साल जेल की सजा सुनाई गई थी। अक्टूबर में हाई कोर्ट ने सरकार की अपील की सुनवाई के बाद सजा को बढ़ाकर 10 साल कर दिया था। इसके बाद जिया चैरिटेबल ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में उन्हें सात साल की जेल की सजा सुनाई गई। बीएनपी प्रमुख को 2020 में कोरोना महामारी के बीच सरकारी आदेश पर जेल से रिहा कर दिया गया। अवामी लीग सरकार के समय इस आदेश को हर छह महीने में बढ़ाया जाता था। इस दौरान उनकी विदेश यात्रा पर रोक रही। जन विद्रोह के कारण अवामी लीग सरकार के पतन के बाद राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने छह अगस्त को संविधान के अनुच्छेद 49 के तहत खालिदा की सजा माफ कर दी।