पूत के पाँव पालने में ही दिख जाते हैं’….यह कहावत करण जायसवाल पर हो रहा है चरितार्थ

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Bhaskar upadhyay

हजारीबाग: आज अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस है, एक ऐसा दिन जो युवाओं को उनकी सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करता है। यह दिन उन्हें राष्ट्र और समाज के हित में कार्य करने के लिए प्रेरित करता है। इस खास मौके पर हम हजारीबाग के एक ऐसे युवा की बात करेंगे, जिन्होंने कम समय में ही समाज सेवा के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। हम बात कर रहे हैं करण जायसवाल उर्फ़ सन्नी की जो हजारीबाग के प्रतिष्ठित जायसवाल परिवार से आते हैं और जिनके पिता मनीष जायसवाल वर्तमान में हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के सांसद हैं। पुणे से एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद करण जायसवाल ने 2016 में हजारीबाग वापस लौटने का फैसला किया। उस वक्त साल 2014 में उनके पिता पहली बार हजारीबाग सदर विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने थे। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद करण जायसवाल ने पारिवारिक व्यवसाय की जिम्मेदारी संभाली और साथ ही उनकी सामाजिक गतिविधियों का सिलसिला भी शुरू हो गया। कहते हैं कि ‘पूत के पाँव पालने में ही दिख जाते हैं’…. और यह बात करण जायसवाल पर बिल्कुल सटीक बैठती है।

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